दुमका:झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नलिन सोरेन को दुमका से अपना उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान में नलिन सोरेन शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से जेएमएम विधायक हैं. उनके साथ एक रिकॉर्ड जुड़ा है कि वह मौजूदा झारखंड विधानसभा के एकमात्र विधायक हैं जो लगातार सात बार से चुनाव जीत रहे हैं.
नलिन सोरेन पहली बार 1990 में जेएमएम के टिकट पर चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे थे. उसके बाद से यह सिलसिला जारी है. सातवीं बार 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी पारितोष सोरेन को करीब तीस हजार वोटों से हराया. कुल मिलाकर नलिन सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता हैं और 35 साल से लगातार विधायक हैं.
शायद उनके इन्हीं गुणों को देखकर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने फैसला किया कि इस बार जब परिस्थितियों के कारण सोरेन परिवार का कोई भी सदस्य दुमका लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ पा रहा है, तो उन्होंने नलिन सोरेन को टिकट थमा दिया.
टिकट मिलने के बाद नलिन सोरेन काफी उत्साहित हैं और उन्हें पूरा भरोसा है कि वह बीजेपी की सीता सोरेन को अच्छे वोटों के अंतर से हराने में कामयाब होंगे. नलिन सोरेन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि पार्टी ने काफी सोच-विचार के बाद मेरे जैसे पुराने कार्यकर्ता को टिकट दिया है. मैं सीता सोरेन को बड़े अंतर से आसानी से हरा दूंगा.
'पार्टी ने बहुत सोच समझकर दिया टिकट'
झारखंड मुक्ति मोर्चा से टिकट मिलने के बाद नलिन सोरेन काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड मुख्यालय स्थित अपने पैतृक आवास पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि पार्टी ने बहुत सोच समझकर अपने पुराने कार्यकर्ता को लोकसभा का टिकट दिया है. गुरुजी और हमारे कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मुझ पर भरोसा है कि मैं बीजेपी उम्मीदवार को हरा सकूंगा, इसलिए उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है. मैं भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन को अच्छे मतों के अंतर से हराकर पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा.
'सीता सोरेन ने गुरुजी को छोड़ने का काम किया'
नलिन सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन ने अपनी बहू सीता सोरेनपर काफी भरोसा जताया. पार्टी ने उन्हें तीन बार टिकट देकर विधायक बनाया, लेकिन सीता ने उन्हें छोड़ने का काम किया है. जनता सब देख रही है. वह झामुमो छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गयी हैं. इससे हमारी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन जिस तरह से यह हुआ, उससे हमें चुनाव में फायदा ही होगा.