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30 जून को नकल विहीन प्रतियोगी परीक्षा कराने के लिए AI का पहरा, NEET पेपर लीक के चलते अलर्ट पर सिस्टम - AI monitoring of competitive exams

AI monitoring of competitive exams NEET पेपर लीक प्रकरण के चलते उत्तराखंड में भी पूरा सिस्टम अलर्ट पर आ गया है. पहली बार राज्य में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक का प्रतियोगी परीक्षाओं में इस्तेमाल होने जा रहा है. यह तकनीक न केवल संदिग्ध गतिविधियों को रिकॉर्ड करेगी, बल्कि परीक्षा में किसी भी गड़बड़ी की सूचना फौरन अफसरों तक पहुंचाएगी. उधर प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कुछ अतिरिक्त एहतियातन कदम भी उठाये हैं, जो नकल माफियाओं के लिए किसी भी तरह की गड़बड़ी को नामुमकिन कर देंगे.

AI MONITORING OF COMPETITIVE EXAMS
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 29, 2024, 7:17 AM IST

Updated : Jun 29, 2024, 7:24 AM IST

देहरादून: पूरे देश में National Eligibility cum Entrance Test (Undergraduate)-NEET पेपर लीक मामला पिछले कई दिनों से छाया हुआ है. हालात ये हैं कि इस प्रकरण के तार गुजरात, दिल्ली से लेकर बिहार और दूसरे कई राज्यों तक फैले हुए दिखाई दिए हैं. राष्ट्रीय राजनीति में भी पेपर लीक मामला इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चाओं में हैं. ऐसे में उत्तराखंड में 30 जून को होने जा रही परीक्षा पर भी इसका असर दिख रहा है. दरअसल, पेपर लीक विवाद के कारण उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भी भारी दबाव में है. शायद यही कारण है कि इस बार 30 जून को होने वाली परीक्षा में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है.

AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रुकेगी नकल:उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) 30 जून को होने वाली परीक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है. इसके लिए राज्य के संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों पर AI कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों के जरिए परीक्षा केंद्र में मौजूद परीक्षा कक्षा की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सकेगा. खास बात यह है कि इस अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से परीक्षा कक्ष में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों को कैमरा खुद ब खुद ऑब्जर्व करेगा. यही नहीं परीक्षा कक्षा में मौजूद हर अभ्यर्थी पर भी कैमरा खुद नजर रखेगा.

संदिग्धों पर ऐसे रहेगी नजर: किसी भी तरह की गड़बड़ी की आशंका पर अधिकारियों को भी सूचित करेगा. इस तकनीक के माध्यम से परीक्षा कक्ष में किसी भी उपकरण का प्रयोग या नकल की कोशिश पूरी तरह रुक जाएगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आयोग के पास मौजूद डाटा के आधार पर अभ्यर्थी के फेशियल रिकॉग्निशन पर भी काम हो सकेगा, जिससे परीक्षा केंद्रों पर फर्जी अभ्यर्थियों के पहुंचने के सम्भावना भी खत्म होगी. खास बात यह है कि इन्हें उन परीक्षा केंद्रों पर लगाया जाएगा, जो परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर संदिग्ध कैटेगरी में होंगे.

ऐसे काम करेगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को परीक्षा में लागू करने के लिए फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम किया गया है. 30 जून को होने वाली परीक्षा में ये पूरी व्यवस्था एक कंपनी के माध्यम से की जाएगी, जिसे आयोग ने हायर किया गया है. इस कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरा के इस्तेमाल की पूरी जानकारी आयोग को देंगे.

अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है इसलिए पहले फेज में केवल कैमरे के माध्यम से परीक्षा कक्षा में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों को ही रिकॉर्ड किया जाएगा. जबकि परीक्षा में 100% बायोमेट्रिक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे किसी छात्र के बदले दूसरे छात्र के परीक्षा में हिस्सा लेने की कोई संभावना नहीं है.

आयोग अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का फ्यूचर में होने वाली परीक्षाओं में और भी ज्यादा इस्तेमाल करने का काम किया जाएगा. फिलहाल कंपनी के एक्सपर्ट से बात की जा रही है. अभ्यर्थियों की फेस रीडिंग से लेकर इलेक्ट्रॉनिक इस्तेमाल जैसी गतिविधियों को भी कैमरे के माध्यम से पकड़ा जा सकेगा. भविष्य में तकनीक के दूसरे विकल्पों पर भी काम किया जाएगा.

30 जून को हैं ये परीक्षाएं: उत्तराखंड में 30 जून को उप निरीक्षक आबकारी, कांस्टेबल आबकारी, परिवहन विभाग के आरक्षी और वार्डन के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा होने जा रही है. इंटरमीडिएट स्तरीय इस परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी हिस्सा लेने जा रहे हैं. इस भर्ती के लिए राज्य के 10 जिलों में परीक्षा आहूत होनी है. रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिले को छोड़कर बाकी सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं.

परीक्षाओं को लेकर अलर्ट मोड: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अतिरिक्त सतर्कता भी बरती है. इसके तहत जहां पहले ही सभी जिलों के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ ही गृह विभाग से बातचीत की जा चुकी है, तो वहीं परीक्षा की तारीख से पहले ही परीक्षा केंद्रों के आसपास के होटल धर्मशालाओं और ढाबों पर भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इतना ही नहीं बॉर्डर पर भी अतिरिक्त सुरक्षा और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. परीक्षा को लेकर जहां फ्लाइंग स्क्वायड तैयार किए गए हैं, तो वहीं इस बार स्क्वायड अतिरिक्त में भी लगाए गए हैं जो परीक्षा कक्ष से लेकर बाहर तक नज़र रखेंगे. इसके अलावा इंटेलिजेंस से जुड़े अधिकारी भी परीक्षा में अलर्ट मोड पर रहेंगे.

लाइव सीसीटीवी कैमरों से निगरानी: संवेदनशील क्षेत्रों में लाइव सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी निगरानी की जाएगी. इसके जरिए कंट्रोल रूम से ही परीक्षा केंद्रों पर आयोग की नजर रहेगी. उधर चेकिंग अभियान के लिए पुलिस के साथ ही आबकारी और परिवहन विभाग को भी जिम्मेदारी दी गई है.

नियमावली में होगा संशोधन: दूसरी तरफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नकल माफियाओं और परीक्षा में नकल करने-कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए नियमावली में संशोधन का मन बनाया है. खास तौर पर परीक्षाओं से प्रतिबंधित किए जाने वाले अभ्यर्थियों को कोर्ट से राहत न मिल सके, इसके लिए नियमों में कड़े प्रावधान करने की तैयारी हो रही है. इन नए नियमों के बनने के बाद अभ्यर्थियों को प्रतिबंधित किए जाने की स्थिति में कोर्ट से भी राहत मिलना मुश्किल हो जाएगा. उधर जिन अभ्यर्थियों को फिलहाल कोर्ट से स्टे मिल गया है, उनको लेकर भी कोर्ट में मजबूत पक्ष के जरिए आयोग अपना काउंटर फाइल करने जा रहा है.

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Last Updated : Jun 29, 2024, 7:24 AM IST

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