रांची:झारखंड के डॉक्टर इश्तियाक से जुड़े अलकायदा के इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) मॉड्यूल की जांच तेजी से चल रही है. जांच टीम ने संदिग्ध आतंकियों से बरामद डिजिटल साक्ष्यों की फोरेंसिक रिपोर्ट भी हासिल कर ली है, जिसमें कई अहम बातें सामने आई हैं. यह भी पता चला है कि अब्दुल रहमान कटकी के संपर्क में आने के बाद ही डॉक्टर का अलकायदा की ओर झुकाव हुआ था.
एक दर्जन से अधिक की तलाश, कुछ को नोटिस भी जारी
झारखंड में अलकायदा के इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का विस्तृत मॉड्यूल तैयार किया जा रहा था. झारखंड के विभिन्न इलाकों के एक दर्जन से अधिक युवकों को आतंकी संगठन से जोड़ा जा रहा था. इस मामले में जब दिल्ली पुलिस और झारखंड पुलिस ने झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में छापेमारी की, तो कुछ स्लीपर सेल अंडरग्राउंड हो गए, लेकिन जिनके बारे में झारखंड एटीएस को जानकारी मिली है, उन्हें भी एटीएस ने नोटिस जारी किया है.
झारखंड में अलकायदा के इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का विस्तृत मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है, इसका खुलासा तब हुआ जब रेडियोलॉजिस्ट डॉ इश्तियाक समेत चार संदिग्धों से कई बार पूछताछ की गयी. सभी संदिग्धों को दिल्ली पुलिस की टीम तीन सितंबर को फील्ड वेरिफिकेशन के लिए रांची के चान्हो लेकर आयी थी.
रेडियोलॉजिस्ट डॉ इश्तियाक से पूछताछ में झारखंड एटीएस को कई अहम जानकारियां मिली हैं. एटीएस के मुताबिक रांची के चान्हो, लोहरदगा के कुडू और हजारीबाग के करीब एक दर्जन लोग अलकायदा से जुड़े हैं. इन लोगों को ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजने की तैयारी थी, लेकिन छापेमारी के बाद सभी अंडरग्राउंड हो गये. हालांकि गिरफ्तार संदिग्धों ने पूछताछ में सभी युवकों के नाम-पते की जानकारी भी दी है. एटीएस की टीम ने उन लोगों का वेरिफिकेशन कर लिया है, लेकिन फिलहाल उनके नाम गुप्त रखे गये हैं.
एटीएस एसपी ऋषभ झा के मुताबिक मामले में कई संदिग्धों को रडार पर रखा गया है, कुछ को पूछताछ के लिए नोटिस भी दिया गया है. इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि अलकायदा मॉड्यूल का नेतृत्व रांची का डॉ इश्तियाक नामक व्यक्ति कर रहा था. देश के अंदर खिलाफत का एलान करने और गंभीर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की उसकी मंशा थी.
जब्त कंप्यूटर व अन्य की जांच पूरी
एटीएस एसपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने डॉ. इश्तियाक व अन्य संदिग्धों से लैपटॉप, मोबाइल व अन्य सामान जब्त किया था. इन सभी जब्त सामानों की एफएसएल जांच पूरी हो चुकी है. जांच में कई अहम जानकारियां मिली हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
कटकी के जरिए संगठन से जुड़ा था
यह भी स्पष्ट हो गया है कि डॉक्टर इश्तियाक अलकायदा से कैसे जुड़ा. कटकी के कोर ग्रुप से डॉक्टर अब्दुल रहमान अलकायदा के संपर्क में आया था. वह करीब पांच साल से डॉक्टर कटकी के ग्रुप के संपर्क में था. फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद आतंकी कटकी व डॉक्टर इश्तियाक के बारे में सुरक्षा एजेंसियां अभी भी जांच कर रही हैं.
वर्ष 2010 के बाद कटकी ने जमशेदपुर, रांची, लोहरदगा, हजारीबाग समेत झारखंड के कई शहरों का दौरा किया. वह इन शहरों में भाषणों के जरिए लोगों को प्रभावित करता था, जिसके बाद उसने सैकड़ों लोगों को कट्टरपंथी बनाया और उन्हें स्लीपर सेल से जोड़ा. 18 जनवरी 2016 को कटकी को पहली बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मेवात से गिरफ्तार किया था. कटकी की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह झारखंड से कई बच्चों को कटक ले गया था, जहाँ उन्हें धार्मिक शिक्षा के नाम पर जिहाद के लिए उकसाया जाता था.