कजान : ब्रिक्स नेताओं ने आतंकवाद को एक ‘‘साझा खतरा’’ बताते हुए आतंकवादी विचारधारा के प्रसार के अलावा आतंकी उद्देश्यों के लिए आधुनिक टेक्नालाजी के दुरुपयोग, एक देश से दूसरे में आतंकवादियों की आवाजाही और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए निर्णायक कदम उठाने का संकल्प लिया.
रूस, भारत, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका से मिलकर बने ब्रिक्स को विस्तारित करने के साथ ही पांच और सदस्य देश मिस्र, इथियोपिया, सऊदी अरब,ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को शामिल किया गया है.
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में, नेताओं ने आतंकवाद के सभी स्वरूप की एक स्वर में निंदा की. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इसे किसी भी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.
शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य नेता शामिल हुए. इस दौरान ब्रिक्स देशों ने कहा कि उन्हें विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त पर आगामी वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन में मजबूत परिणामों की आशा है.
इसके अलावा घोषणापत्र ‘न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ ने वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाने के साथ ही जी20 एजेंडे में उनकी प्राथमिकताओं को एकीकृत करने को दर्शाया.
आतंकवाद के मसले पर घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम इस बात पर जोर देते हैं कि आतंकवाद एक साझा खतरा है, जिसके लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण की जरूरत है.’’
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