चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर पर बेरहमी से चाकू से हमला किया गया. बताया गया है कि बुधवार 13 नवंबर को चेन्नई के कलैगनार सेंटेनरी गवर्नमेंट मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल में यह घटना हुई, जबकि 25 वर्षीय आरोपी युवक ने कैंसर विशेषज्ञ डॉ. बालाजी पर चाकू से हमला कर दिया.
पुलिस के मुताबिक, हमलावर की पहचान पेरुंगलथुर निवासी विग्नेश्वरन के रूप में हुई है. आरोपी की मां का अस्पताल इलाज चल रहा था. इस दौरान विवाद होने के बाद उसने डॉक्टर को निशाना बनाया. विग्नेश्वरन की मां प्रेमा कैंसर से पीड़ित थी और छह महीने से अस्पताल में इलाज करा रही थी.
पुलिस के अनुसार, आरोपी पहले उसी अस्पताल में सहायक के रूप में काम करता था, उसने चाकू छिपाकर डॉ. बालाजी पर हमला कर दिया. डॉक्टर को कई चाकू के घावों के साथ गहन चिकित्सा इकाई में ले जाया गया.
इस घटना से लोगों में आक्रोश फैल गया है और अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की है. चेन्नई पुलिस ने विग्नेश्वरन और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
डॉक्टर पर हमले के संबंध में चेन्नई के पुलिस कमिश्नर ए अरुण ने कहा कि हम सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं. हम अधिकारियों को निर्देश देंगे और चर्चा करेंगे कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे. यह पहली घटना है, हम घटना की समीक्षा करेंगे और आपको आगे की जानकारी देंगे.
इस घटना ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग की है.
सीएम एमके स्टालिन ने हमले की निंदा की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "डॉ. बालाजी पर हमला चौंकाने वाला है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मैंने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं. हमारे डॉक्टर लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करते हैं. उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है."
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने स्पष्ट किया कि आरोपी की मां प्रेमा की हालत खराब हो गई थी, जिस कारण उन्हें छुट्टी दे दी गई थी. उन्होंने कहा कि विग्नेश्वरन अस्पताल से परिचित होने के कारण डॉक्टर पर हमला करने में सक्षम था.
AIADMK ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
वहीं, विपक्षी पार्टी AIADMK के नेता डी जयकुमार ने कहा कि तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे खराब है. हर दिन हत्या और डकैती हो रही है. यहां तक कि जान बचाने वाले डॉक्टर भी इस राज्य में सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने सवाल किया कि कोई बाहरी व्यक्ति अस्पताल के अंदर चाकू लेकर कैसे आ सकता है? लोगों की जान की सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है.
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और एआईएडीएमके नेता डॉ. सी. विजयभास्कर ने कहा, "मैंने अस्पताल में भर्ती डॉक्टर को देखा है. वह एक वरिष्ठ डॉक्टर हैं. मैंने उनसे भी बातचीत की. यह सुनियोजित हमला था... हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. विपक्ष के नेता कहते रहे हैं कि तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था नहीं है."
आईएमए ने हमले की निंदा की
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने चेन्नई के सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान डॉक्टर पर हमले की निंदा की है. आईएमए ने एक बयान में कहा कि सरकारों द्वारा किए जाने वाले सुरक्षा के सतही उपायों से इस देश में डॉक्टर बिना किसी डर के काम नहीं कर पाएंगे. सख्त निवारक कानून, कठोर दंड और सक्रिय सुरक्षा उपायों की जरूरत है.
बयान में कहा गया कि इस जघन्य अपराध के बारे में सभी सरकारों को सूचित कर दिया गया है. ऐसी घटनाओं से देश के चिकित्सा पेशेवर चिंतित हैं और हिंसा के उपायों पर संदेह कर रहा है. अस्पतालों में सुरक्षा माहौल में बड़े बदलाव से ही डॉक्टरों का विश्वास बहाल हो सकता है.
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