चेन्नई: पुडुचेरी के पूर्व विधायक अशोक आनंद को आय से अधिक संपत्ति मामले मद्रास हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने आनंद और उनके पिता को सुनाई गई एक साल की जेल की सजा को बरकरार रखा है.
सीबीआई ने पुडुचेरी राज्य लोक निर्माण विभाग में सुपरवाइजिंग इंजीनियर के पद पर कार्यरत आनंद के खिलाफ 1997 से 2006 के बीच अपनी आय से 3 करोड़ 75 लाख रुपये अधिक की संपत्ति जोड़ने का मामला दर्ज किया है।
इस मामले में आनंद की पत्नी और पूर्व विधायक बेटे अशोक आनंद भी आरोपी थे. पुडुचेरी की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ मामले की सुनवाई की. मामले के लंबित रहने के दौरान आनंद की पत्नी की मृत्यु हो गई. इसलिए उनके खिलाफ मामला वापस ले लिया गया.
2018 में पुडुचेरी की अदालत ने पूर्व विधायक अशोक आनंद और उनके पिता आनंद के खिलाफ मामले की सुनवाई की और उन्हें एक साल की जेल और एक-एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. साथ ही आय से अधिक जोड़ी गई संपत्ति को जब्त करने का भी आदेश दिया.
इस स्थिति में पूर्व सरकारी अधिकारी आनंद और पूर्व विधायक अशोक आनंद ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. हाई कोर्ट के जज पी. वेलमुरुगन ने गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि, मामले से संबंधित साक्ष्यों की जांच करने के बाद सीबीआई ने दोनों आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया है और दोनों को दी गई सजा की पुष्टि की है.
मामले के संबंध में दोनों पक्षों को उचित स्पष्टीकरण देने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अधिनियम में दिए गए सुरक्षा प्रावधानों को लागू नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही मद्रास हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों की अपील खारिज कर दी.
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