दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

3 साल 8 महीने में आंध्र प्रदेश से उत्तर प्रदेश पहुंची ट्रेन ? सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान - INDIAN RAILWAY

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विशाखापत्तनम से बस्ती जाने वाली मालगाड़ी को अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंचने में लगभग चार साल लग गए.

ट्रेन
ट्रेन (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2024, 7:08 PM IST

नई दिल्ली: भारत में ट्रेन का देरी से चलना यात्रा का एक आम हिस्सा है. भारत में ट्रेन अक्सर 8 या 10 घंटे तक लेट हो जाती हैं. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक मालगाड़ी को अपने डेस्टीनेशन तक पहुंचने में तीन साल से अधिक का समय लग गया.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2014 में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से उत्तर प्रदेश के बस्ती तक जाने वाली एक मालगाड़ी को अपनी डेस्टिनेशन तक पहुंचने में लगभग चार साल लग गए. इस ट्रेन को भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे अधिक देरी से चलने वाली ट्रेन माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेन को अपनी यात्रा पूरी करने में कुल 3 साल 8 महीने 7 दिन लगे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 1,316 बैग डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) फर्टिलाइज लेकर एक मालगाड़ी का वैगन 10 नवंबर 2014 को अपने स्टेशन से रवाना हुआ और 25 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश के बस्ती रेलवे स्टेशन पर पहुंचा.

42 घंटे में पहुंचती है ट्रेन
ट्रेन के इतने लेट अपनी मंजिल तक पहुंचने से रेल अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान रह गए. इसने देरी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए एक यात्रा को पूरा करने में 3.5 साल से अधिक का समय लगा. आमतौर पर यह दूरी 42 घंटे और 13 मिनट में तय की जाती है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक माल पाने वाले व्यक्ति बस्ती के व्यवसायी रामचंद्र गुप्ता हैं और उनके नाम पर वैगन 2014 में इंडियन पोटाश लिमिटेड (IPL) के माध्यम से विशाखापत्तनम से बुक किया गया था. 14 लाख रुपये से अधिक मूल्य का माल लेकर ट्रेन तय समय के अनुसार विशाखापत्तनम से रवाना हुई, जिसमें यात्रा पूरी करने में सामान्य यात्रा का समय 42 घंटे का था.

अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की
हालांकि, उम्मीदों के विपरीत ट्रेन समय पर नहीं पहुंची. नवंबर 2014 में जब ट्रेन बस्ती नहीं पहुंची, तो रामचंद्र गुप्ता ने रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया और कई लिखित शिकायतें दर्ज कराईं. उनके बार-बार सूचित करने के बावजूद अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. बाद में पता चला कि ट्रेन रास्ते में ही लापता हो गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरकार जुलाई 2018 में खाद लेकर ट्रेन उत्तर प्रदेश के बस्ती रेलवे स्टेशन पर पहुंची. हालांकि, इस दौरान ट्रेन कहां, कैसे या क्यों देरी से पहुंची या लापता हो गई, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.

दावा पूरी तरह से गलत
इस बीच पीआईबी ने इस खबर का खंडन किया है. पीआईबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कुछ न्यूज रिपोर्टों में दावा किया गया है कि एक मालगाड़ी को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में तीन साल से अधिक का समय लग गया. यह दावा पूरी तरह से गलत है. भारतीय रेलवे में किसी भी मालगाड़ी को अपने डेस्टिनेशतक पहुंचने में इतना समय कभी नहीं लगा.

यह भी पढ़ें- कंफर्म सीट की पूरी गारंटी! ट्रेन रवाना होने से पहले बस करना होगा यह काम, रेलवे-यात्री दोनों का फायदा

ABOUT THE AUTHOR

...view details