मणिपुर की ट्रांसजेंडर दिल्ली में भूख हड़ताल पर, पीएम से हस्तक्षेप की मांग
Manipur Transgender hunger strike in Delhi: मणिपुर में हिंसा रोकने की अपील को लेकर एक ट्रांसजेंडर मालेम थोंगम नई दिल्ली में भूख हड़ताल पर है. उसने प्रधानमंत्री से मणिपुर का दौरा करने की मांग की है. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...
मणिपुर की ट्रांसजेंडर दिल्ली में भूख हड़ताल पर (ईटीवी भारत नेटवर्क))
नई दिल्ली: मणिपुर में 10 महीने से चली आ रही जातीय हिंसा में कोई राहत नहीं मिलने के बीच राज्य की एक ट्रांसजेंडर मालेम थोंगम पिछले गुरुवार से राष्ट्रीय राजधानी में भूख हड़ताल पर बैठी हैं. थोंगम लाम्यम्बा इराबोट मेमोरियल इंटीग्रेटेड ट्रस्ट (LIMIT) की अध्यक्ष भी हैं. उन्होने सोमवार को ईटीवी भारत को बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने और मणिपुर में हिंसा रोकने की अपील कर रही हैं.
उन्होंने कहा, 'मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लाने के लिए भारत सरकार को कुकी सशस्त्र उग्रवादियों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) को समाप्त करना चाहिए.' हालाँकि, जब से उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में अपनी भूख हड़ताल शुरू की, तब से थोंगम को कई मौकों पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. सोमवार को उन्हें जंतर-मंतर से हिरासत में लिया गया और बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें बंगला साहिब गुरुद्वारा जाने की इजाजत दे दी. दिल्ली मीतेई को-ऑर्डिनेटिंग कमेटी (डीएमसीसी) के समन्वयक रोजेश ने कहा, 'वह अब बंगला साहिब गुरुद्वारे में अपनी भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं.'
इस बीच मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) ने सोमवार को केंद्र सरकार से 28 फरवरी को समाप्त होने वाले कुकी सशस्त्र समूहों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) को वापस लेने की अपील की. इस संवाददाता से बात करते हुए सीओसीओएमआई (COCOMI) समन्वयक सोमोरेंड्रो थोकचोम ने आरोप लगाया कि कुकी सशस्त्र समूह राज्य में जातीय अशांति में शामिल रहे हैं. सीओसीओएमआई (COCOMI) ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें उनसे हस्तक्षेप की अपील की गई है ताकि केंद्र सरकार सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) का विस्तार न करे.
थोकचोम ने कहा,'हमने चिन-कुकी नार्को-आतंकवादी समूहों के साथ एसओओ समझौते की समाप्ति तिथि 28 फरवरी, 2024 के करीब आने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. राजनीतिक वार्ता की आड़ में 2008 के बाद से कई विस्तारों के बावजूद, शांति प्रक्रिया में प्रगति मायावी बनी हुई है. इसके अलावा, समझौते के जमीनी नियमों का बार-बार और खुलेआम उल्लंघन किया गया है. इससे मणिपुर में पहले से ही अस्थिर स्थिति और खराब हो गई है.'
थोकचोम ने कहा कि मणिपुर में हिंसा की हालिया वृद्धि ने भारतीय सेना और राज्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ लक्षित हमलों में कुकी उग्रवादी समूहों की प्रत्यक्ष संलिप्तता का पुख्ता सबूत दिया है. उन्होंने कहा कि यह वास्तविकता ऑपरेशन निलंबन (SoO) समझौते के विस्तार के संबंध में किसी भी निर्णय की सावधानी और पुनर्मूल्यांकन की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है.
कुकी सशस्त्र समूहों पर युद्धविराम के जमीनी नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए, थोकचोम ने ज्ञापन में कहा कि 3 मई को एसओओ (SoO) कैडर के सदस्यों को चुराचांदपुर में रैली में भाग लेते हुए कैमरे और वीडियो में कैद किया गया था, जबकि वे टूरिंग में मीतेई गांवों पर हमले भी कर रहे थे.
राज्य सरकार ने विभिन्न अपराधों के लिए ऑपरेशन निलंबन (SoO) सदस्यों के खिलाफ एफआईआर की एक सूची सौंपी है, जो एसओओ (SoO) समझौते के बुनियादी नियमों का उल्लंघन करते हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर सरकार द्वारा एसओओ समझौते से हटने और पिछले साल 10 मार्च को चिन-कुकी सशस्त्र समूहों को आतंकवादी घोषित करने का निर्णय स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करता है और सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है. थोकचोम ने कहा, 'ऑपरेशन निलंबन (SoO) उल्लंघन के कई उदाहरण कुकी उग्रवादियों और भारत सरकार के बीच ऑपरेशन निलंबन समझौते को रद्द करने की मांग को उचित ठहराते हैं.'