नई दिल्ली:दिल्ली के रोहिणी के बेगमपुर की जैन कॉलोनी का बेहद ही हैरान और परेशान करने वाला मामला सामने आया है जहां किराए के एक फ्लैट में रहने वाली एक फैमिली बच्चा बेचने वाले रैकेट का संचालन कर रही थी. यह आरोपी परिवार गरीब परिवारों से उनके नवजात बच्चों को बेहतर लालन-पालन करने की आड़ में गोद ले लेता था और आगे उनको बेचने का गोरखधंधा कर रहा था. इस पूरे मामले का भंडाफोड़ तब हुआ जब आरोपी परिवार की एक सदस्य को किसी से फोन पर बच्चे की सौदेबाजी 5 लाख रुपए में करने की संदिग्ध बात करते सुना. जिसके बाद पुलिस को पीसीआर कॉल दी गई. पुलिस ने महिला से बच्चे के बारे में सवाल जवाब किए लेकिन महिला जवाब नहीं दे सकी. जिसके बाद इस बच्चा खरीद फरोख्त करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ. अब मामला कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है. पुलिस ने मामले में चार्ज शीट दायर की है जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं.
घर में बच्चे के रोने की आवाज़, 5 लाख में बच्चे के सौदे की बात फोन पर कर रही थी महिला
दरअसल, यह पूरा मामला इस साल फरवरी महीने का है. 20 फरवरी को बेगमपुर पुलिस को दोपहर के वक्त एक पड़ोसी की ओर से पीसीआर कॉल की गई जिसमें उसने आशंका जताई कि उसके पड़ोस में रहने वाली 29 साल की प्रिया अपने घर की बालकनी में ₹500000 में एक बच्चे की सौदेबाजी को लेकर बातचीत कर रही है. शिकायतकर्ता ने घर के अंदर से एक बच्चे की रोने की आवाज भी सुनी थी. इसके बाद उसने पुलिस को इस बारे में सूचना दी जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई. इस शिकायत के बाद मौके पर बेगमपुर पुलिस स्टेशन की एक टीम थाना अध्यक्ष रवि रंजन के नेतृत्व में पहुंची थी.
20 फरवरी का पूरा मामला
मामले की तफ्दीश की गई तो पता चला कि प्रिया, उसकी मां देवकी और उसका भाई पीयूष उस फ्लैट में रहते हैं जिसको 34 वर्षीय संग्राम दास ने 4 महीने पहले ही किराए पर लिया था. परिवार के चारों सदस्य इस घटना के सामने आने से करीब चार महीने पहले ही आए थे और किसी से कोई खास मतलब नहीं रखते थे. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी प्रिया और देवकी दोनों ने घर में मिले नवजात बच्चे के माता-पिता के बारे में किसी प्रकार की कोई सटीक जानकारी नहीं दी. जिसके चलते इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. संग्राम दास मौके से फरार मिला. इसके बाद पुलिस ने इस बच्चा बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए आगे की कार्रवाई की.
5 महिलाएं और 4 पुरूष आरोपी
हाल ही में दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले में रोहिणी कोर्ट में एक चार्जशीट दायर की गई है जिस पर कोर्ट ने गंभीर संज्ञान भी लिया है. इसमें पुलिस ने बताया है कि आरोपी कथित तौर पर गरीब परिवार के बच्चों को गोद लेने के लिए उनके बेहतर पालन पोषण और अच्छी देखभाल करने का लालच देकर जाल में फंसाते थे और इसके बाद इन बच्चों के खरीदारों को बच्चों से जुड़ा वीडियो भी साझा किया करते थे. पुलिस ने इस पूरे मामले में 5 महिलाएं और 4 पुरुषों को आरोपी बनाया है जिनके खिलाफ तस्करी, साजिश और अन्य आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मास्टरमाइंड संग्राम दास पुलिस पकड़ से बाहर, कोर्ट ने घोषित किया फरार
पुलिस की ओर से कोर्ट में दायर चार्जशीट में प्रिया और उसके परिवार के सदस्यों के अलावा दो आशा वर्कर सिमरनजीत कौर और पूजा रानी और एक दाई बिंदर कौर आरोपियों में से एक है. ये पंजाब से ताल्लुक रखती हैं. इन तीनों को दिल्ली पुलिस ने पंजाब से पकड़ा है. इस मामले में अन्य आरोपियों में राजिंदर और उसके सहयोगी परमजीत को भी पुलिस ने पंजाब से गिरफ्तार किया है. इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला संग्राम दास अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है जिसको कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है.
पंजाब के एक जोड़े ने खुद को बच्चे के माता-पिता के तौर पर किया पेश
चार्जशीट में यह भी दावा किया गया है कि बिंदर कौर पंजाब में एक क्लीनिक चलाती है जिसको दोनों आशा वर्कर कथित तौर पर पीड़ित के बच्चे को उसके क्लीनिक में सौंप दिया था. मामले में खुलासा करते हुए पुलिस ने कोर्ट को अवगत कराया है कि बच्ची का जन्म 15 फरवरी को हुआ था जिसको दोनों आरोपियों सिमरनजीत और राजिंदर को सौंप दिया गया था. इन दोनों ने बच्चे के माता-पिता के सामने बिंदर कौर के क्लीनिक में सरकारी सर्वेंट के तौर पर काम करने वाले एक अमीर जोड़े के रूप में खुद को पेश किया था. इस दौरान एक खाली नोटरी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर भी करवाए गए. इसके बाद बच्चे को बिंदर कौर ने दोनों आशा वर्कों के साथ ट्रेन से सफर कर दिल्ली में प्रिया, देवकी ओर संग्राम को सौंप दिया था. जिन्होंने रैकेट का भंडाफोड़ होने से पहले खुद को बच्चों की देखभाल करने वाले के रूप में पेश किया था. पुलिस ने बच्चे का माता-पिता होने का दावा करने वालों का डीएनए टेस्ट कराया है.
आरोपी महिला पहले भी इस तरह के रैकेट का रह चुकी है हिस्सा
पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि आरोपी प्रिया पहले भी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में बच्चे रैकेट के इसी तरह के मामले चलाने में संलिप्त रही है जोकि 1 साल पहले जमानत पर रिहा हुई थी. पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि आरोपी पूजा रानी और रमन खुद को जोड़े के रूप में पेश किया करते थे और पंजाब के परिवारों से बच्चों को गोद लेने का काम करते थे. पुलिस इस मामले की तफ्तीश भी कर रही है कि अब तक यह रैकेट कितने लोगों को अपना निशाना बना चुका है. फिलहाल बच्चों की देखभाल एक एनजीओ की ओर से की जा रही है. उसका माता-पिता होने का दावा करने वाले दो जोड़ों के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
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