नई दिल्ली:दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सीएम केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था. इसके चलते फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. जहां सोमवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 23 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया, वहीं उनके प्राइवेट सेक्रेटरी रहे बिभव कुमार को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने भी उनकी बर्खास्तगी के मामले में कोई राहत नहीं दी.
दरअसल, दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग की ओर से सीएम केजरीवाल के प्राइवेट सेक्रेटरी बिभव कुमार की सेवाओं को हाल ही में समाप्त कर दिया गया था. विजिलेंस विभाग ने बिभव कुमार पर एक पुराने मामले में कार्रवाई करते हुए, उनकी सरकारी सेवाओं में नियमों का पालन न किए जाने के चलते बर्खास्त किया था. इस बर्खास्तगी को बिभव कुमार ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर चुनौती दी थी, जिसपर सुनवाई के बाद बर्खास्तगी के ऑर्डर पर किसी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया गया.
बनाया गया दबाव:ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील की ओर से मामले में अंतरिम राहत देने का पूरा दवाब बनाया गया, लेकिन कैट की ओर से उनको कोई फौरी राहत नहीं दी गई. कैट की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम इस मामले में किसी स्तर पर राहत देने के इच्छुक नहीं है. अगर इस मामले में कोई राहत दी जाती है तो उनकी तरफ से वह अंतिम राहत होगी.