चंडीगढ़: सोमवार 12 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ बातचीत में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बनने पर आज किसानों ने दिल्ली कूच कर दिया है. एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बात नहीं बनने पर किसानों में नाराजगी है. ऐसे में देश भर के किसान आज दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली और पंजाब से लगते हरियाणा के बॉर्डर पूरी तरह से सील कर दिए गए हैं. बॉर्डर पर अव्यवस्था न फैले इसको लेकर वाटर कैनन, एंबुलेंस समेत कई वाहन एहतियात के तौर पर रखे गए हैं. वहीं, बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ-साथ ड्रोन से भी पैनी नजर रखी जा रही है.
दिल्ली चले किसान: किसान संगठन दिल्ली की ओर रुख करना शुरू दिया है. आज सुबह किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "हम बातचीत के लिए तैयार हैं बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. लेकिन, बातचीत से सरकार कोई समाधान नहीं निकालना चाहती है सिर्फ आंदोलन को टालना चाहती है. सरकार कल भी बातचीत के जरिए आंदोलन टालना चाहती थी. हमने पूरी कोशिश की थी लेकिन हमें एक घंटे बाद ही पता चल गया था की सरकार हमें कुछ नहीं देगी. हमने बाकी तमाम किसान संगठनों को भी निमंत्रण दिया है आंदोलन में शामिल होने का".किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि कांग्रेस किसानों को समर्थन की बात कर रही है लेकिन हम कांग्रेस को भी किसानों के लिए बनाई गई गलत नीतियों के लिए उतना ही जिम्मेदार मानते हैं जितना कि बीजेपी को. यहां तक कि लेफ्ट पार्टियों और देश के अन्य राज्यों में राज करने वाली पार्टियों भी किसानों की हालत के लिए जिम्मेदार है. पुलिस द्वारा रोके जाने पर सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पुलिस के रोकने के बाद किसान क्या एक्शन लेंगे ये मौके पर ही तय होगा.
राजनीति नहीं होनी चाहिए: किसानों के मार्च पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है, "हमें किसानों के हितों की परवाह है. अगर कोई इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है तो यह हमारी चिंता नहीं है. हम हमेशा बातचीत और चर्चा के लिए तैयार रहे हैं और हम सब कुछ करने के लिए तैयार हैं. इस मुद्दे का समाधान ढूंढना संभव है. यह मुद्दा राज्य सरकारों से भी जुड़ा है. हमें इस मुद्दे को समझने और इसे हल करने का तरीका खोजने के लिए समय चाहिए."
शंभू बॉर्डर से कई किसान हिरासत में: किसानों ने दिल्ली की ओर कूच कर दिया है. अंबाला में प्रशासन की और से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. वहीं, शंभू बॉर्डर से कई किसानों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अंबाला के कुछ किसान नारेबाजी कर रहे थे. ऐसे में एक के बाद एक कई किसानों को हिरासत में लिया गया है. अंबाला में प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.
कुरुक्षेत्र में ट्यूकर बॉर्डर सील: पंजाब के पटियाला से लगते हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के ट्यूकर बॉर्डर को सील कर दिया गया है. बॉडर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी तरह की कोई अव्यवस्था न फैले.
झज्जर के डीएसपी शमशेर सिंह का कहना है 'टिकरी बॉर्डर पर पुलिस ने तैयारी कर ली है. सीसीटीवी कैमरे और माइक लगा दिए गए हैं. बॉडर पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं. स्थिति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.'
हरियाणा में 114 कंपनियां तैनात:हरियाणा पुलिस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक स्तर पर इंतजाम पूरे कर लिए हैं. इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 114 कंपनियां तैनात की गई हैं. इनमें से 64 कंपनियां अर्धसैनिक बल और 50 कंपनियां हरियाणा पुलिस की हैं. सभी कंपनियां दंगा प्रतिरोधी उपकरणों के साथ प्रदेश के सीमावर्ती (बॉर्डर) जिलों और संवेदनशील जिलों में तैनात हैं. इसके अलावा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपद्रवियों और शरारती तत्वों पर ड्रोन व सीसीटीवी कैमरे आदि से नजर रखी जा रही है.
सोशल मीडिया के भ्रमित कंटेंट पर ध्यान न दें: हरियाणा पुलिस के डीजीपी, एडीजीपी समेत सभी अन्य अधिकारियों ने कहा कि पुलिस आमजन की सुरक्षा को प्रतिबद्ध है. अराजकता और किसी भी प्रकार की अप्रिय परिस्थिति से निपटने हेतु सक्षम है. उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रमित करने वाले कंटेंट पर ध्यान नहीं दें. हरियाणा पुलिस द्वारा शरारती तत्वों पर अलग-अलग स्तर पर मॉनिटरिंग करते हुए उन पर नजर रखी जा रही है. कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस हेल्पलाइन पर जानकारी देने की अपील: पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यदि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला सामने आए तो हरियाणा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर-112 पर जानकारी दें. इससे आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.