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रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला टला, चुनाव प्रचार के लिए मिल चुकी है अंतरिम जमानत - RASHID ENGINEER

Rashid regular bail plea deferred : जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोपी और सांसद रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया गया है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 5 अक्टूबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. कल ही चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के मामले रशिद इंजीनियर को 2 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी गई है.

रशिद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला टला
रशिद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला टला (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 11, 2024, 12:54 PM IST

Updated : Sep 11, 2024, 1:54 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के आरोपी सांसद रशीद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर फैसला फिर टाल दिया है. एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने 5 अक्टूबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने 10 सितंबर को अपने आदेश में रशिद इंजीनियर को जम्मू-कश्मीर में चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के मामले 2 अक्टूबर तक की अंतरिम जमानत दी थी.

कोर्ट ने नियमित जमानत याचिका पर 27 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने 21 अगस्त को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. बता दें कि कोर्ट ने रशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए 5 जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था.

उमर अब्दुल्ला को भारी मतों से हराया थाःरशीद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है. रशीद फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. रशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था.

16 मार्च 2022 को कोर्ट ने रशिद के खिलाफ आरोप तयःपटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को कोर्ट ने हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, रशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.

1993 में ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापनाःएनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

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आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने कोशिशःएनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया. इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने , सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया. इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था.

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Last Updated : Sep 11, 2024, 1:54 PM IST

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