निजामाबाद (तेलंगाना): ठगों के द्वारा ठगी के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसी क्रम में साइबर अपराधियों के द्वारा लोगों को पुराने सेलफोन के बदले में स्टील के बर्तन देने का मामला सामने आया है. इसमें अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए सेलफोन के उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस संबंध में अधिकारियों ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे इस तरह के व्यक्तियों से सावधान रहें जो कार में घूमते हैं और ऐसे ऑफर देते हैं, क्योंकि ये फोन अक्सर साइबर अपराधियों के हाथों में पहुंच जाते हैं. हाल ही में पुलिस ने पाया कि बिहार के लोग विभिन्न जिलों में सक्रिय रूप से पुराने फोन खरीद रहे हैं.
वहीं झारखंड के देवघर से सक्रिय साइबर अपराधी इन फोनों का इस्तेमाल धोखाधड़ी की गतिविधियों के लिए कर रहे हैं. तेलंगाना के पेडापल्ली जिले के अंतर्गत रामागुंडम में एक बड़ी कार्रवाई में चार व्यक्तियों को 4,000 सेल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया, जिससे ऑपरेशन के बारे में खुलासा हुआ.
कैसे होता है घोटाला?
इसकी शुरुआत कुछ अनजान लोगों द्वारा अपने पुराने फोन को स्टील के बर्तनों से बदलने से होती है. इसके बाद अपराधी मूल्यवान व्यक्तिगत डेटा, जैसे यूपीआई आईडी, फोन नंबर और फोटो निकाल लेते हैं. यदि उनको कोई उपयोगी डेटा नहीं मिलता है, तो वे फोन की मरम्मत करते हैं और धोखाधड़ी के लिए उसमें नकली सिम कार्ड डाल देते हैं. इसके बाद यदि पुलिस जांच शुरू होती है तो मूल फोन का मालिक अनजाने में ही मुख्य संदिग्ध बन जाता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबर उस व्यक्ति के साथ सीधा संबंध स्थापित करता है.
हाल ही में निजामाबाद क्षेत्र के गंगास्थान, मारुतिनगर और विनायकनगर जैसे इलाकों में संदिग्ध लोगों द्वारा इसी तरह के एक्सचेंज ऑफर दिए जाने की खबरें मिली हैं. इसको लेकर लोगों से कहा गया है कि वे इस तरह के प्रस्तावों की वैधता की जांच कर लें और अपने पुराने फोन अजनबियों को न सौंपें तथा संदेह होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें. यह गड़बड़ी घोटाला व्यक्तिगत उपकरणों का निपटान करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने के महत्व को रेखांकित करता है, क्योंकि धोखाधड़ी करने के लिए उनका दुरुपयोग किया जा सकता है.
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