हैदराबाद: साइबर अपराधियों के द्वारा रोजाना ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसा की एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों के द्वारा फर्जी अपहरण का नाटक करके अनजान परिवारों से रुपए ऐंठ लिए गए.
एक हालिया घटना ने साइबर घोटाले के बढ़ते खतरे को उजागर किया है, जिसे साइबर अपहरण के रूप में जाना जाता है. घटना के मुताबिक अलवाल निवासी एक युवक तिरुपति गया था और तिरुमाला स्थित बालाजी मंदिर में दर्शन के दौरान उसने अपना फोन होटल के कमरे में ही छोड़ दिया था. इसी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों ने उसके माता-पिता से संपर्क किया और दावा किया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है. इस पर घबराए माता-पिता ने अपने बेटे को फोन करने की कोशिश की, लेकिन जब उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो वे और घबरा गए. हताशा की स्थिति में, उन्होंने फिरौती के रूप में अपराधियों को 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए. हालांकि, जब धोखेबाजों ने और पैसे की मांग की, तो माता-पिता को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी.
गौरतलब है कि इस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है.वहीं कई माता-पिता इस तरह के हथकंडों का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं अपराधी अक्सर उन परिवारों को निशाना बनाते हैं जिनके बच्चे नौकरी या शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) तकनीक का उपयोग करते हुए साइबर ठग कॉल को इस प्रकार करते हैं जिससे लगता है कि वह विदेशी नंबरों से आ रही है. इसकी वजह उनकी धमकियों में प्रामाणिकता को बल मिल जाता है. साथ ही वे पीड़ित के फोन का उपयोग उसके परिवार से संपर्क करने के लिए भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपहरण के बारे में और अधिक विश्वास हो सके.