बेरूत: लेबनान में बीते मंगलवार को हिजबुल्लाह सदस्यों के पेजर में हुए विस्फोट के कारण 20 लोगों की मौत हो गई और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए थे. इस घटना के ठीक एक दिन बाद यानी बुधवार को देश में एक बार फिर धमाकों की गूंज सुनाई दी और वॉकी-टॉकी, लैपटॉप और रेडियो ब्लास्ट हुए.
इन विस्फोटों में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 450 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस बीच लोगों ने फटे हुए वॉकी-टॉकी और आग लगी रिहायशी इमारतों की तस्वीरें शेयर कीं.
लेबनान में नए विस्फोट कहां हुए?
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार दोपहर बेरूत के दक्षिणी शहर और छोटे-छोटे उपनगरों में कई विस्फोटों की सूचना मिली. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों में वाहनों में आग लगी हुई दिखाई दे रही है और एक रिहायशी इलाके से धुआं उठता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि वॉकी-टॉकी रेडियो और यहां तक कि सोलर सेल में भी विस्फोट होने की खबरें आ रही हैं.
किन-किन डिवाइस में विस्फोट हुआ?
रिपोर्ट के मुताबिल लेबनान में कई अलग-अलग डिवाइस के फटने की खबरें हैं. इनमें वॉकी-टॉकी रेडियो, मोबाइल फोन, लैपटॉप और यहां तककि कुछ सोलर एनर्जी सिस्टम भी शामिल हैं. कई कारों में भी विस्फोट होने की खबर है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये विस्फोट किस वजह से हुआ.
वॉकी टॉकी एक बिना तार या इंटरनेट के काम करने वाला वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइस है. इस डिवाइस की मदद से दो या उससे ज्यादा यूजर्स के बीच बातचीत होती है. ये कम दूरी के कम्युनिकेशन डिवाइस होते हैं और इनसे बातचीत करने के लिए यूजर्स को उनके बेस के करीब रहना पड़ता है.
वॉकी-टॉकी में कैसे हुआ धमाका?
फिलहाल इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि कुछ ओब्जर्वर्स का मानना है कि बुधवार के विस्फोट पेजर में हुए विस्फोटों की तरह ही थे. इनके सप्लाई चेन में घुसपैठ हो सकती है और डिवाइस में 1 से 3 ग्राम (0.04 से 0.11 औंस) शक्तिशाली विस्फोटक लोड किया जा सकता है. वहीं, हिजबुल्लाह सदस्यों का भी माननाहै कि विस्फोट बैटरी से जुड़े हैं.
सोलर पैनलों जैसे डिवाइस के भी फटे
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, बेरूत के दक्षिणी उपनगर में एक जनाजे के दौरान एक रेडियो में विस्फोट होने के बाद उनमें से कई ने जल्दी से अपने रेडियो से बैटरियां निकाल लीं और उन्हें फेंक दिया. पेजर रेडियो ट्रांसमिशन और रिसेप्शन का इस्तेमाल करते हैं, जैसा कि रेडियो करता है. जिन डिवाइसों में धमाके हुए उनमें से ज्यादातर कम्युनिकेशन से जुड़े थे. हालांकि, सोलर पैनलों जैसे डिवाइस के फटने की भी कुछ रिपोर्टें सामने आई हैं.
इजराइल ने ये विस्फोट क्यों किए?
फिलहाल यहूदी देश की दीर्घकालिक रणनीति स्पष्ट नहीं है, लेकिन ये हमले इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच महीनों तक चले कम तीव्रता वाले संघर्ष के बाद हुए हैं और इससे एक बार फिर से युद्ध छिड़ने की आशंकाएं बढ़ गई हैं. वहीं, हिजबुल्लाह ने लेबनान में हुए इन हमलों के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इजराइल ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इस बीच इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बुधवार शाम को कहा कि इजराइली सेना गाजा में लगभग एक साल से चल रहे युद्ध से अपने बलों और संसाधनों को उत्तर की ओर ले जाएगी, जहां इजराइल की सीमा लेबनान से लगती है.
हिजबुल्लाह के लिए यह कितना बड़ा झटका है?
ये हमले हिजबुल्लाह के लिए एक बहुत बड़ा सुरक्षा उल्लंघन है और साथ ही मनोवैज्ञानिक युद्ध का एक शक्तिशाली साधन भी. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इन हमलों ने समूह की इमेज को घरेलू स्तर पर हिला दिया है. सुरक्षा और राजनीतिक विश्लेषक एलिजा मैग्नियर के अनुसार, पहले हमले के बाद भी हिजबुल्लाह का कम्युनिकेशन सिस्टम चालू रहा, जबकि समूह के पास वैकल्पिक सुरक्षित संचार व्यवस्था थी.
आगे क्या होगा?
अल जजीरा के मुताबिक, "इजरायल द्वारा किए गए इस हमले को लेबनान में आतंकवादी हमले के रूप में देखा जा रहा है. हमले के बाद लोग डरे हुए हैं." श्लेषक एलिजा मैग्नियर ने कहा कि इजराइल ने हिजबुल्लाह और समाज में भ्रम पैदा करने में सफलता हासिल की है.
उन्होंने कहा कि लगातार आ रही रिपोर्ट और अराजकता का माहौल इस बात का संकेत है कि दूसरे विस्फोट से 24 घंटे से अधिक समय का इंतजार करने की इजराइल की रणनीति सफल रही है. इजराइल इस तरह का भ्रम फैलाकर शायद तीसरे चरण के लिए तैयारी करना चाहता है. फिलहाल हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे आगे क्या तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि यह इसका अंत नहीं है.
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