कुलगाम (जम्मू-कश्मीर): विधानसभा चुनाव का पहला चरण बुधवार को संपन्न हो गया. इसमें 23 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से लगभग 61.13 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पहले चरण में जिन 24 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ उनमें से सबसे चर्चित सीटों में से कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र में कम्युनिस्ट नेता मुहम्मद यूसुफ राथर उर्फ तारिगामी और प्रतिबंधित धार्मिक-राजनीतिक संगठन जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सयार अहमद रेशी के बीच कड़ा मुकाबला है.
कुलगाम स्थित अपने घर पर मतदान समाप्त होने के बाद तारिगामी ने स्वीकार किया कि जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवार ने उन्हें 1996 के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी है. तारिगामी ने 1996 से लगातार चार चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ जीत दर्ज की है. वर्तमान विधानसभा चुनावों में, जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं ने रेशी को पूर्ण समर्थन दिया तथा चुनाव प्रचार के दौरान विकास संबंधी घोषणापत्रों के साथ धार्मिक नारेबाजी देखी गई.
तारिगामी ने कहा कि हालांकि वह अपनी जीत की घोषणा करने वाले ज्योतिषी नहीं हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि कुलगाम के लोग उन्हें अपना प्रतिनिधित्व करने का एक और मौका देंगे. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, चुनाव प्रचार और मतदान के दौरान मुझे जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है, मुझे विश्वास है कि मुझे पांचवीं बार एक और कार्यकाल मिल सकता है. तारिगामी ने विधानसभा चुनावों में जमात की भागीदारी पर संदेह जताते हुए कहा कि जमात स्वतंत्र नहीं है और उनकी लगाम कहीं और है. उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव में तभी भाग लेना चाहिए था जब भारत सरकार ने उन पर से प्रतिबंध हटा लिया था.
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