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जानें, सीआरपीएफ स्थापना का इतिहास, प्रमुख उपलब्धियों पर एक नजर - CRPF Foundation Day

CRPF Foundation Day: देश के भीतर अशांति हो या आपदा से निपटना. युद्ध के समय सीमा पर सैन्य बलों को मदद करना हो या विदेशों में शांति मिशन का हिस्सा बनना. इनमें अर्द्धसैनिक बलों का महत्वपूर्ण योगदान है. अर्द्धसैनिक बलों केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स भारत का प्रीमियम केंद्रीय पुलिस बल है. देश के जरूरत के हिसाब से सीआरपीएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका को अदा किया है. पढ़ें पूरी खबर...

CRPF Foundation Day
सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 27, 2024, 5:31 AM IST

Updated : Jul 27, 2024, 6:32 AM IST

हैदराबादःदेश की सुरक्षा सर्वोपरि है. सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सैन्य बलों के हाथों में होता है. इसका सीधा-सीधा नियंत्रण रक्षा मंत्रालय के अधीन होता है. वहीं देश के भीतर कई बार कई कारणों से आंतरिक अशांति पैदा हो जाती है. जैसे आंतकवाद, नक्सल गतिविधियों से निपटना, दंगा, विद्रोह, प्राकृतिक आपदा आदि समस्याएं पैदा हो जाती है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्यों के पास सुरक्षा बलों की कमी, उनके पास पर्याप्त प्रशिक्षण, उपकरण, कोऑर्डिनेशन का अभाव होता है. अलग-अलग परिस्थितियों से निपटने के लिए देश में अलग-अलग अर्द्धसैनिक बल हैं. इनमें से एक केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स है, जिसे सीआरपीएफ कहा जाता है.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

भारत में सीआरपीएफ का गठन 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के नाम से ब्रतानी शासन काल के दौरान हुआ था. इस कारण हर साल इस दिन सीआरपीएफ स्थापना दिवस मनाया जाता है. यह भारत का सबसे पुराना अर्धसैनिक बल है. आज के समय में भी यह प्रीमियम केंद्रीय पुलिस बल है. इसका मूल नाम क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस है. आजादी से पहले इसका उपयोग रियासतों में विद्रोह, सरकार विरोधी अभियानों से निपटने के लिए किया जाता है. आजादी के बाद 28 दिसंबर 1949 को संसद के अधिनियम के तहत संगठन का नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स किया गया. 25 मार्च 1955 को CRPF Act लाया गया, इसमें सीआरपीएफ के संचालन के लिए नियम-परिनियम तय किये गये हैं.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

सीआरपीएफ की प्रतिबद्धता और कर्तव्य

  1. दंगा नियंत्रण
  2. भीड़ पर नियंत्रण
  3. विद्रोह नियंत्रण करना
  4. आतंकवाद का मुकाबला
  5. अशांत क्षेत्रों में चुनावों संपन्न कराना
  6. युद्ध की स्थिति में दुश्मन से लड़ना
  7. एंटी नक्सल ऑपरेशन में हिस्सा लेना
  8. बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का समग्र समन्वय
  9. सरकारी नीति के अनुसार शांति स्थापना मिशन में भाग लेना
  10. प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत व बचाव अभियान में हिस्सा लेनाा
    सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)
    सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

सीआरपीएफ के पास कुल 246 बटालियन है. सीआरपीएफ का नेतृत्व महानिदेशक (डीजी) करते हैं. डीजी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी होते हैं. इसके प्रशासन को 6 जोन में बांटा गया है.

  1. 208 एक्जीक्यूटिव बटालियन
  2. 6 महिला बटालियन
  3. 15 रैपिड एक्शन फोर्स
  4. 10 कोबरा कमांडो बटालियन
  5. 5 सिग्नल बटालियन
  6. 1 विशेष सेवा ग्रुप
  7. 1 संसद ड्यूटी ग्रुप
  8. 40 सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर
  9. 20 प्रशिक्षण संस्थान
  10. 3 केंद्रीय हथियार स्टोर्स
  11. 7 आयुद्ध वर्कशॉप
  12. 2 विशेष वर्कशॉप
  13. 1 मेडिकल वर्कशॉप
  14. 4 कंपोजिट हॉस्पिटल (100 बेड की क्षमता वाला)
  15. 17 कंपोजिट हॉस्पिटल (50 बेड की क्षमता वाला)
    सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

1959 सीमाओं की सुरक्षा और वीरों का स्मरण
भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद सीआरपीएफ की टुकड़ियों को कच्छ, राजस्थान और सिंध सीमाओं पर भेजा गया. इस इलाके में सीआरपीएफ को घुसपैठ और सीमा पार अपराधों पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया था. इसके बाद, पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा शुरू की गई आक्रामक कार्रवाइयों के जवाब में इन बलों को जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान की सीमा पर फिर से तैनात किया गया. सीआरपीएफ को एक महत्वपूर्ण क्षण का सामना करना पड़ा जब इसे भारतीय क्षेत्र में पहली बार चीनी घुसपैठ का खामियाजा भुगतना पड़ा. यह घटना 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में हुई, जहां सीआरपीएफ का एक छोटा गश्ती दल चीनी सेना की ओर से घात लगाकर किए गए हमले में गिर गया. दुख की बात है कि इस मुठभेड़ के दौरान दस बहादुर सीआरपीएफ कर्मियों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. उस भाग्यशाली 21 अक्टूबर को उनके निस्वार्थ बलिदान को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में प्रतिवर्ष याद किया जाता है, जो कर्तव्य की पंक्ति में उनके समर्पण और बहादुरी की मार्मिक याद दिलाता है.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

1962 सीआरपीएफ की वीरता: सीमा पर लड़ाई से लेकर वैश्विक शांति स्थापना तक

1962 के चीनी आक्रमण की पृष्ठभूमि में सीआरपीएफ एक बार फिर भारतीय सेना के साथ एकजुटता के साथ खड़ा था. इस अध्याय में कर्तव्य की पंक्ति में आठ सीआरपीएफ कर्मियों के बलिदान की विशेषता थी. भारत में अर्धसैनिक बलों के इतिहास में पहली बार, महिलाओं की एक टुकड़ी सहित सीआरपीएफ की तेरह कंपनियों को उग्रवादी कैडरों से लड़ने के लिए श्रीलंका में भारतीय शांति सेना में शामिल होने के लिए हवाई मार्ग से भेजा गया था. इसके अलावा, सीआरपीएफ कर्मियों को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के एक हिस्से के रूप में हैती, नामीबिया, सोमालिया मालदीव, कोसोवो और लाइबेरिया में कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए भी भेजा गया था.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

सुरक्षा गतिविधियां व प्रमुख उपलब्धियां
सीआरपीएफ ने नक्सलवाद के खात्मे में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, खास तौर पर पश्चिम बंगाल और बिहार के कैमूर और रोहतास क्षेत्रों में। बल ने झारखंड के सारंडा वन क्षेत्र से नक्सलियों को सफलतापूर्वक खदेड़ दिया, जो उनके लिए एक बड़ा गढ़ था। अपनी बिखरी हुई तैनाती के बावजूद, सीआरपीएफ ने 2011 में शीर्ष माओवादी नेता किशनजी को निष्प्रभावी करने में सफलता हासिल की और 2011 में सारंडा, 2012 में माड, 2012 में कट-ऑफ क्षेत्र, 2012 में बुरहा पहाड़ और 2013 में सिलगेर और पीडिया जैसे तथाकथित मुक्त नक्सल क्षेत्रों में बड़े ऑपरेशन किए.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

सीआरपीएफ विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल रही है, जिसमें 1999 में उड़ीसा सुपर साइक्लोन, 2001 में गुजरात भूकंप, 2004 में सुनामी और 2005 में जम्मू और कश्मीर भूकंप शामिल हैं. इसके अलावा, सीआरपीएफ ने विभिन्न विदेशी संयुक्त राष्ट्र तैनातियों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है सैनिकों ने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है. उनके परिचालन पराक्रम के सम्मान में, बल को 01 जॉर्ज क्रॉस, 03 किंग्स पुलिस पदक वीरता के लिए, 01 अशोक चक्र, 10 कीर्ति चक्र, 01 वीर चक्र, 39 शौर्य चक्र, 1 पद्म श्री, 49 पुलिस पदक वीरता के लिए, 202 पुलिस पदक सराहनीय सेवा के लिए, 2027 पुलिस पदक वीरता के लिए, 5 भारतीय पुलिस पदक वीरता के लिए, 4 विशिष्ट सेवा पदक, 1 युद्ध सेवा पदक, 5 सेना पदक, 114 प्रधानमंत्री पुलिस पदक जीवन रक्षक और 2 जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

पिछले पांच वर्षों में सीआरपीएफ ने 809 उग्रवादियों/नक्सलियों को मार गिराया, 7239 को गिरफ्तार किया, 3748 को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया, 3093 हथियार, 97076 विभिन्न गोला-बारूद, 2945.712 किलोग्राम विस्फोटक, 1689 ग्रेनेड, 679 बम, 17 रॉकेट, 5790 आईईडी, 65365 डेटोनेटर, 20325 जेलिंग स्टिक, 132157 किलोग्राम मादक पदार्थ और 41 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की.

सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Getty Images)

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Last Updated : Jul 27, 2024, 6:32 AM IST

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