चेन्नई:तमिलनाडु विधानसभा ने आपराधिक कानून (तमिलनाडु संशोधन) विधेयक, 2025 और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध (संशोधन) विधेयक 2025 पारित कर दिया है. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया था. विधेयकों का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए सजा बढ़ाना साथ ही डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर उन्हें परेशान करने वालों पर कार्रवाई करना है.
आपराधिक कानून विधेयक में बलात्कार के दोषी के लिए न्यूनतम 14 साल के कठोर कारावास का प्रस्ताव है, जो वर्तमान में 10 साल है. यदि बलात्कारी पुलिस बल का सदस्य है, तो यह न्यूनतम कठोर कारावास को दोगुना करके 20 साल है. यदि बलात्कार पीड़िता 12 वर्ष से कम आयु की लड़की है, तो इसमें न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास और अधिकतम सजा मृत्युदंड है.
मुख्यमंत्री ने कही ये बात
मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इन संशोधनों का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है. उन्होंने यह भी कहा कि यह संशोधन नारी सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. आज की बैठक में, मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तावित विधेयक पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया. विधानसभा के सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण विषय पर अपने-अपने विचार रखे.
वेलमुरुगन (तमिलनाडु वझुवरिमई काची): उन्होंने इस कानून का स्वागत करते हुए कहा कि यह आज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आजीवन कारावास जैसी कठोर सजा से अपराधी जीवन भर भयभीत रहेंगे. हालांकि, उन्होंने पुलिस विभाग में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.