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इलेक्टोरल बॉन्ड: CPI(M) ने पोस्ट किया विज्ञापन, ब्रेड-बटर का किया जिक्र - CPM counters electoral bond

Electoral Bond: सीपीआईएम चुनावी बांड मुद्दे को लोकसभा चुनाव 2024 में मुद्दा बनाना चाहती है. सीपीआईएम के कई वाम मोर्चा नेताओं ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन पोस्ट किया है, जिसमें ब्रेड और बटर पर बात की गई.

CPM counters electoral bond issue with thoughtful advertisement.
CPI(M) ने विज्ञापन पोस्ट कर चुनावी बांड मुद्दे को उठाया.

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 1, 2024, 5:09 PM IST

कोलकाता: भाजपा चुनावी बांड की सबसे बड़ी लाभार्थी रही है. इसके बाद नंबर आता है पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का. सीपीआईएम द्वारा दायर मामले के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह जानकारी सार्वजनिक मंच पर आ गई है. इससे देश की राजनीति में हलचल मच गई है.

इस मामले पर सीपीआईएम ने दावा किया है कि इस घटना के कारण केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले मुश्किल में पड़ गई है. यह दावा कर सीपीआईएम आगामी लोकसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाना चाहती है. उनका कहना है कि उन्होंने इस चुनावी बॉन्ड में एक भी पैसा नहीं लिया है.

इसके अलावा, वाम मोर्चा ने चुनावी बांड के बारे में अखबारों में विज्ञापन भी दिया है. सीपीआईएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम सहित कई वाम मोर्चा नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पर विज्ञापन पोस्ट किया है. सीपीआईएम ने अपने द्वारा लिखे और डिजाइन किए गए विज्ञापनों में ब्रेड और बटर के बारे में बात की.

इसी प्रकार, चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों पर भी सावधानी बरती गई है. विज्ञापन में लिखा है, 'यह एक विज्ञापन है. पैसे के साथ मुद्रित किया जा सकता है. जिन लोगों को चुनावी बांड में हजारों करोड़ मिले हैं, वे इनमें से बहुत कुछ छापेंगे. इसलिए, किराए के विज्ञापनों को छोड़ दें. ब्रेड और बटर की लड़ाई में लगे रहें'.

अंत में लिखा है, 'हक रूटी-रूजी जंताई पुंजी (रोटी सही है क्योंकि लोग निवेश हैं)'. इस संबंध में बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'सीपीआईएम डर के कारण इस तरह का काम कर रही है. जो लोग कभी हमें अजेय समझते थे, अब उन्हें हार का डर सता रहा है. वे यह जानकर ऐसा कर रहे हैं कि हार करीब है'.

इलेक्टोरल बॉन्ड से बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा पैसा तृणमूल को मिला. शांतनु सेन ने कहा, 'गणशक्ति ने सबसे पहले भाजपा के विज्ञापन छापे थे. दूसरा, निर्मला सीतारमण के पति ने कहा कि चुनावी बांड दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय भ्रष्टाचार है. तीसरा, वित्तीय भ्रष्टाचार को रोकने के लिए राज्य के धन पर चुनाव कराने की मांग करने वाली तृणमूल पहली थी'.

चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त धन के मामले में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तीसरे स्थान पर है. उनके राज्य कांग्रेस नेता आशुतोष चट्टोपाध्याय ने कहा, 'भाजपा ने चुनावी बांड के माध्यम से करोड़ों रुपये लूटे हैं. मोदी के नेतृत्व में 'चंदा दो धंधा लो' का नारा लगाया गया था. ये वही हैं, जिन्होंने कॉरपोरेट्स को लूटा. उन्हें इस विज्ञापन को और अधिक पढ़ना चाहिए. यह विज्ञापन उनके लिए है. राष्ट्रीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस चुनावी बांड के विरोध में सड़कों पर उतरे. इस भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए. आयकर विभाग घूम रहा है, फिर भी इस भ्रष्टाचार की जांच ईडी-सीबीआई क्यों नहीं कर रही है? वहां जांच की जरूरत है'.

सीपीएम राज्य समिति के सदस्य सुदीप सेनगुप्ता ने कहा, 'जिन्होंने चुनावी बांड के जरिए करोड़ों रुपये लूटे, वे अगले कुछ दिनों में मीडिया में विज्ञापन देंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 15 हजार करोड़ रुपये का विज्ञापन किया था. उस विज्ञापन के जरिए झूठ दोहराया जाता है. ताकि गोएबल्स के मुताबिक, अगर आप हमेशा झूठ बोलेंगे तो लोग उसे सच मान लेंगे. इसलिए आज के विज्ञापन में साफ कहा गया है कि यह एक विज्ञापन है. जिन राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए पैसा मिलता है, वे ऐसे विज्ञापन देते रहेंगे. आम लोगों को चेतावनी दी गई है'.

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