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लोकसभा चुनाव : CPI ने जारी किया घोषणापत्र, CAA खत्म करने का वादा - Lok Sabha election 2024

CPI manifesto : लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. सीपीआई ने सीएए खत्म करने का वादा किया है. जानिए घोषणा पत्र में और क्या है.

CPI manifesto
CPI ने जारी किया घोषणापत्र

By PTI

Published : Apr 6, 2024, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का वादा किया गया है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 700 करने को कहा है.

वाम दल ने धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को बचाने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि 10 साल का भाजपा शासन देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है.

सीपीआई ने सत्ता में आने पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, जाति जनगणना कराने, संपत्ति कर और विरासत कर जैसे कराधान उपायों को लागू करने, कॉर्पोरेट कर बढ़ाने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दैनिक वेतन 700 रुपये करने का वादा किया है.

सीपीआई घोषणापत्र में कहा गया है, '18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.' घोषणापत्र जारी करने के बाद सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा, 'चुनाव देश और उसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी का शासन देश के लिए विनाशकारी रहा है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि 'संविधान पर हमला हो रहा है. आरएसएस की राजनीतिक सेना होने के नाते भाजपा संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है.' वाम दल ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए कदम उठाएगी. सीपीआई ने यह भी कहा कि उसका लक्ष्य प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को संसद के दायरे में लाना है. पार्टी ने कहा कि वह 'संघवाद को मजबूत करने के लिए राज्यपाल कार्यालय को खत्म करने के लिए अपने संघर्ष को तेज करेगी.'

घोषणापत्र में कहा गया है, 'राज्यों में निर्वाचित सरकारों को प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए...' सीपीआई ने कहा कि वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की 'मनमानी' सीमा को हटाने और परिसीमन और जनगणना से संबंधित खंड को हटाकर महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने के लिए राजनीतिक और कानूनी रूप से लड़ाई जारी रखेगी.

पार्टी ने मनरेगा के तहत उपलब्ध कार्य दिवसों को एक कैलेंडर वर्ष में 200 तक बढ़ाने के साथ-साथ शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम और गिग-श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा शुरू करने का वादा किया. राजा ने कहा कि 'नई सरकार बनने पर हमारी पार्टी जनता के मुद्दों को उठाने में अपनी भूमिका निभाएगी.'

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