नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का वादा किया गया है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी 700 करने को कहा है.
वाम दल ने धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को बचाने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने का आह्वान किया. इसमें कहा गया कि 10 साल का भाजपा शासन देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है.
सीपीआई ने सत्ता में आने पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, जाति जनगणना कराने, संपत्ति कर और विरासत कर जैसे कराधान उपायों को लागू करने, कॉर्पोरेट कर बढ़ाने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत दैनिक वेतन 700 रुपये करने का वादा किया है.
सीपीआई घोषणापत्र में कहा गया है, '18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं.' घोषणापत्र जारी करने के बाद सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा, 'चुनाव देश और उसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी का शासन देश के लिए विनाशकारी रहा है.'