नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संविधान के 75वें साल पूरे होने के अवसर पर लोकसभा में बहस के दौरान महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि, नारी शक्ति ने संविधान में अहम भूमिका निभाई. साथ ही उन्होंने 21वीं सदी में देश के सपनों को साकार करने के लिए 'अखंड भारत' की पुरजोर वकालत की.
पीएम मोदी ने कहा कि, "संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं, जिन्होंने पवित्र ग्रंथ पर अपनी छाप छोड़ी. यह हमारे लिए गर्व की बात है." उन्होंने आगे कहा कि, उनकी सरकार ने महिला सशक्तीकरण पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया है. पीएम ने कहा, "हमने महिला-केंद्रित से महिला-नेतृत्व वाले विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. हमने लोकतंत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति अधिनियम वंदन को मंजूरी दी.
पीएम मोदी ने लोकसभा में बहस के दौरान कहा कि, आज महिलाएं सामाजिक बाधाओं को तोड़ रही हैं और हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं.' एकता' की पुरजोर वकालत करते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों समेत सभी से एक साथ आने और 21वीं सदी के साझा सपनों को हासिल करने में योगदान देने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने निचले सदन में कहा, "यह समय है कि, सभी लोग विविधता में एकता का जश्न मनाएं और कुछ राजनीतिक मकसदों से बंटे नहीं."