नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को उन खबरों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी कि रालोद 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा को बाधित करने के लिए भाजपा से हाथ मिला सकता है. यात्रा में इसी तरह का व्यवधान हाल ही में बिहार में हुआ था जहां जेडी-यू ने भाजपा से हाथ मिलाया था और झारखंड में जहां भगवा पार्टी ने कथित तौर पर झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को तोड़ने का प्रयास किया था.
उत्तर प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी महासचिव अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, 'रालोद को अपनी स्थिति स्पष्ट करना है. सपा पहले ही साफ कर चुकी है कि वह कांग्रेस के साथ है. हमने अपने सभी सहयोगियों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और हमें उम्मीद है कि वे इसमें शामिल होंगे. मुझे नहीं लगता कि राहुल गांधी की यात्रा पर असर पड़ेगा. सफल यात्रा के लिए हमारी तैयारी चल रही है.'
कांग्रेस नेता की टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है कि आरएलडी, जिसने एसपी द्वारा पश्चिमी यूपी में सात लोकसभा सीटों की पेशकश की थी, सिर्फ चार संसदीय सीटों के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो सकती है. राज्य के पश्चिमी हिस्सों में एक मजबूत खिलाड़ी आरएलडी की उपस्थिति राज्य में दोनों गठबंधनों के लिए महत्वपूर्ण है. यूपी लोकसभा में सबसे बड़ी संख्या में 80 सीटें भेजता है.
जैसे ही रालोद को लेकर अटकलें तेज हुईं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पश्चिमी यूपी के मैनपुरी से लोकसभा सांसद उनकी पत्नी डिंपल यादव ने बुधवार को कहा कि 'रालोद प्रमुख जयंत चौधरी एक बुद्धिमान नेता हैं जो किसानों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और लड़ेंगे. अपनी स्थिति से समझौता करने के लिए कोई भी कार्य न करें.' कांग्रेस ने भी गुरुवार को ऐसे ही विचार व्यक्त किए.