नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को एक और बड़ी घोषणा की. कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने 'जीवन रक्षा योजना' लॉन्च की, जिसके तहत लोगों को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस, राजस्थान में ऐसी ही योजना ला चुकी है और सरकार बनते ही 25 लाख रुपये तक की जांच और इलाज दिल्ली वालों को दिया जाएगा. यह बहुत ही बेहतर स्वास्थ्य योजना है. दिल्ली की जनता को इस योजना का बेहतर लाभ मिलेगा.
उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अस्पताल में दवाइयों की कमी, जांच के लिए लंबी-लंबी तारीख आदि की खबरें उन्हें मिलती है. सिर्फ घोषणा और वादा कर देने से लोगों को लाभ नहीं मिलता. प्रदेश कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव को जिस गंभीरता से लड़ रही है, उम्मीद है कांग्रेस की सरकार बनेगी और आज जिस स्वास्थ्य योजना का ऐलान कर रहे हैं, यह हवा-हवाई नहीं है. राजस्थान में हमारी सरकार ने इसे लागू किया लोगों को इसका फायदा मिला है.
योजना को तुरंत किया जाएगा लागू: अशोक गहलोत ने आगे कहा, केंद्र में कांग्रेस की सरकार और दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार, दोनों के कार्यकाल लोगों ने देखा है. बीजेपी में तब झूठे वादे कर लोगों से कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनेगी तो हम कालाधन लाएंगे लोगों को 15 लाख रुपए मिलेंगे. वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने जन लोकपाल बिल लाने, शीला दीक्षित सरकार घोटाले के मनगढ़ंत आरोप लगाए, जिसका नतीजा रहा कि सरकार चली गई. लेकिन आज जो हालात हैं, उससे लोग कांग्रेस के बीते दिनों को याद कर रहे हैं. इस विधानसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर होगा, कांग्रेस की सरकार बनी तो जीवन रक्षा योजना को दिल्ली में तुरंत लागू किया जाएगा.
सरकारी स्ट्रक्चर नकाफी: वहीं दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, राजस्थान में जिस तरह चिरंजीवी योजना ने लोगों का जीवन बेहतर किया, उसी तरह की योजना दिल्ली में लेकर आए हैं. यह योजना हर दिल्लीवासी को उनके जीवन का भरोसा देगी. यहां हवा में जहर है, पानी दूषित है, खाने में मिलावट है, जिससे लोगों को बिमारियों ने जकड़ लिया है. इसके चलते दिल्ली बीमार नजर आती हैं. दिल्ली व केंद्र सरकार की व्यवस्थाएं चरमरा कर रह जाती है. इसलिए हमने यह योजना लाने का फैसला लिया, जिसमें प्राइवेट अस्पताल भी शामिल रहेंगे. दिल्ली में सरकारी स्ट्रक्चर नकाफी साबित हुआ है.