नई दिल्ली:दिल्ली और अमृतसर से आने-जाने वाली फ्लाइट को घना कोहरे के कारण मंगलवार और बुधवार को भारी व्यवधान का सामना करना पड़ा. कोहरे के कारण विजिबलिटी बहुत कम हो गई, जिससे हवाई यात्रा प्रभावित हुई है. दोनों शहरों में एयर क्वीलिटी में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इतना ही नहीं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, जबकि पंजाब और हरियाणा में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' कैटेगरी में दर्ज की गई.
जानकारी के मुताबिक इंडिगो की कई उड़ानें इन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण या तो लेट हुईं या कैंसिल कर दी गईं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में इंडिगो ने कहा, "प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण अमृतसर से आने-जाने वाली फ्लाइट वर्तमान में प्रभावित हो रही हैं. हम आपकी यात्रा योजनाओं के महत्व को समझते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपको इस बारे में पूरी जानकारी हो."
पोस्ट में कहा गया है कि अगर आपकी उड़ान रद्द हो जाती है, तो कृपया वैकल्पिक फ्लाइट एक्सप्लोर करें, जिसमें रिफंड या वैकल्पिक फ्लाइट पर बुकिंग शामिल है. आपकी समझदारी और सहयोग के लिए धन्यवाद.
धुंध के कारण कई फ्लाइट हो रही लेट
जानकारी के मुताबिक भयंकर धुंध के कारण कई फ्लाइट के उड़ान भरने में देरी हो रही हैं, दिल्ली और अमृतसर के बीच कुछ फ्लाइट दो घंटे से अधिक देरी से चल रही हैं. सुबह 6 बजे के लिए निर्धारित उड़ानें बुधवार सुबह 8 बजे के बाद उड़ान भर पाईं.
इससे पहले दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंगलवार को अमृतसर के लिए इंडिगो की निर्धारित रात 8 बजे की उड़ान रद्द कर दी गई, जबकि अमृत से दिल्ली आने वाले 11 बजे की उड़ान भी रद्द हो गई. दिल्ली से अमृतसर के लिए इंडिगो की एक और उड़ान, जो बुधवार को सुबह 5:45 बजे रवाना होने वाली थी, को कम विजिबलिटी के कारण कैंसिल कर दी गई.
सरकारी कार्यक्रम भी हुए प्रभावित
खराब मौसम की वजह से उच्च स्तरीय सरकारी कार्यक्रम भी प्रभावित हुए हैं. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को मंगलवार को अपनी योजना बदलनी पड़ी क्योंकि उनका विमान खराब विजिबलिटी के कारण लुधियाना के हलवारा हवाई अड्डे पर नहीं उतर सका. इसके बाद उनकों विमान को अमृतसर हवाई अड्डे पर भेजा गया, जहां उपराष्ट्रपति 40 मिनट तक रुके और फिर दूसरे कार्यक्रम के लिए मध्य प्रदेश चले गए.
खराब एयर क्वालिटी
खराब एयर क्वालिटी (अमृतसर में AQI 293 और दिल्ली में 387) के लिए मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो अक्टूबर और नवंबर में पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का एक आम कारण है.
इन पराली जलाने से निकलने वाले धुएं, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन और औद्योगिक प्रदूषकों के साथ मिलकर वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, बुधवार की सुबह दिल्ली के कुछ हिस्सों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई. साथ प्रदूषण का संकट भी गहराता जा रहा है और नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है.
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