छिंदवाड़ा। एमपी के छिंदवाड़ा जिले की सीमा से लगे महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व के लिए अच्छी खबर है. जी हां पेंच टाइगर रिजर्व को भारत का पहला डार्क स्काई पार्क का खिताब मिला है. एशिया में यह पांचवा पार्क है. जिसे डार्क स्काई पार्क घोषित किया गया है. जो रात के समय में आसमान की निगरानी करने और प्रकाश प्रदूषण को रोकने के लिए दिया जाता है.
क्यों दिया जाता है डार्क स्काई पार्क का खिताब
लगातार प्रयोग की जा रही आर्टिफिशियल रोशनी और उजाले के साधनों के चलते प्राकृतिक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संसाधनों के लिए प्रकाश प्रदूषण बड़ा खतरा बन गए हैं. इसके लिए इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के नेतृत्व में द डार्क एंड क्वाइट स्काईज फॉर साइंस एंड सोसाइटी वर्किंग ग्रुप ने सरकार से डार्क स्काई ओसेस बनाने की सिफारिश की थी. ताकि जंगलों में रहने वाले वन्य जीव रात के समय में आर्टिफिशियल लाइटों की जगह प्राकृतिक आसमान के तारे सितारे और उजाले को देख सकें. आर्टिफिशियल लाइट रात के समय में आसमान में दिखने वाले तारे और चांद की रोशनी को भी प्रदूषित कर रहे हैं.
रात के समय में आसानी से आसमानी नजरों को देख सकेंगे वन्य जीव
पेंच नेशनल पार्क महाराष्ट्र के इलाके के करीब 100 गांव की स्ट्रीट और सामुदायिक लाइटों को जमीन की तरफ में बदल दिया गया है. इन क्षेत्रों में रात के समय में रोशनी बहुत कम होती है. इसकी वजह से वन्य जीव अपनी खुली आंखों से आसमान के तारे-सितारे और रोशनी आसानी से देख कर उसका अनुभव कर सकेंगे. यह सिस्टम डार्क स्काई प्लेस लाइटिंग पॉलिसी, डार्क स्काई फ्रेंडली रेट्रोफिट्स आउट स्विच और नाइट स्काई पर केंद्रित है. पेंच नेशनल पार्क के इलाके में आने वाले गांव बघौली सिलारी पिपरिया और खापा सहित करीब 100 गांव में एक ऐसा वॉच टावर बनाया गया है. जहां से वन्य जीव आसानी से आसमान के ग्र व तारों को देख सकेंगे.