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नशे की गिरफ्त में झारखंड के युवा, बर्बाद होती जिंदगी को कैसे बचाएगी सरकार? - Drug trade in Jharkhand

Drug trade in Jharkhand. झारखंड नशे के जद में है. इसे रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. झारखंड सरकार भी इस कोशिश में जुटी हुई है. नशे के सबसे ज्यादा शिकार नौनिहाल बन रहे हैं. जिसने सभी की चिंता बढ़ा दी है. अब सवाल यही है कि क्या झारखंड की सीएम चंपाई सोरेन की सरकार इस नशे के कारोबार पर नकेल कस पाएगी?

Drug trade in Jharkhand
ईटीवी भारत डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 20, 2024, 11:51 AM IST

Updated : Jun 20, 2024, 2:23 PM IST

रांची: झारखंड को नशा मुक्त बनाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. युवा तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं. जाहिर है यहां नशे का कारोबार भी तेजी से फैल रहा है, जिसमें देश-दुनिया के बड़े रैकेट शामिल हैं. एक अनुमान के मुताबिक हर साल गांजा, चरस, अफीम, ड्रग्स, ब्राउन शुगर, हेरोइन, डेंड्राइट से अरबों रुपये का कारोबार पर्दे के पीछे से ड्रग तस्कर करते हैं. झारखंड के बच्चों को ड्रग तस्कर अपना मुख्य निशाना बनाते हैं, शायद यही वजह है कि अब शहर से लेकर गांव तक सब नशे की गिरफ्त में आ गए हैं.

नशे की गिरफ्त में झारखंड के युवा (ईटीवी भारत)

झारखंड सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार कहते हैं कि जिस तरह से राज्य नशे की गिरफ्त में है, वह वाकई चिंता का विषय है. आज हर जिला बुरी तरह प्रभावित है, जिसकी रोकथाम के लिए प्रशासनिक पहल के साथ-साथ जागरूकता के जरिए प्रयास किए जा रहे हैं.

नशे की खुराक नहीं मिलने पर आत्महत्या की कोशिश

हाल ही में चतरा में एक युवक नशे की खुराक नहीं मिलने से इतना परेशान हो गया कि उसने आत्महत्या तक कर ली. सामाजिक संस्था सिन्नी की तान्या कहती हैं कि झारखंड नशे का हब बनता जा रहा है. यहां के युवा खासकर सातवीं कक्षा के बच्चे जिस तरह नशे की ओर कदम बढ़ा रहे हैं, वह वाकई बेहद चिंताजनक है.

झारखंड को नशा मुक्त बनाने में जुटी चंपाई सरकार

चंपाई सरकार नशा मुक्ति को लेकर 19 से 26 जून तक विशेष अभियान चला रही है. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मंत्रालय से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत की. इस मौके पर सीएम ने लोगों से नशे से दूर रहने की अपील की और युवा पीढ़ी को खासकर इससे दूर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि झारखंड में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत इस दौरान सभी जिलों में जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

नशे के जद में झारखंड के सर्वाधिक 7 जिले (ईटीवी भारत)

राज्य में सिर्फ 5 पुनर्वास केंद्र

झारखंड में नशे की गिरफ्त में आने के बाद लोगों को इससे मुक्त कराने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई केंद्र खोले गए हैं. दावा किया जा रहा है कि रांची के कांके स्थित सीआईपी, रिनपास, देवघर एम्स जैसे राज्य में स्थित बड़े अस्पतालों में लोगों को नशामुक्ति के लिए पर्याप्त व्यवस्था है, लेकिन इलाज के बाद लोगों को कुछ दिनों तक पुनर्वास केंद्र में रखना जरूरी होता है. लेकिन विडंबना यह है कि राज्य में पुनर्वास केंद्रों की संख्या महज पांच है.

हालांकि, राज्य सरकार ने भारत सरकार को 12 अतिरिक्त पुनर्वास केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा है. समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार भी मानते हैं कि जरूरत के मुताबिक पुनर्वास केंद्र नहीं हैं. इसकी पूर्ति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा राज्य के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.

पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई

रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा कहते हैं कि राजधानी में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है और युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं. इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल अब तक 134 से ज्यादा कारोबारी गिरफ्तार हो चुके हैं और 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के नशीले पदार्थ जब्त किए जा चुके हैं.

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Last Updated : Jun 20, 2024, 2:23 PM IST

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