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दुख भंजनी मंदिर: उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर... जहां नवरात्रि में दूध से होता है मां काली का स्नान - Dukh Bhanjani Mandir Ambala - DUKH BHANJANI MANDIR AMBALA

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि 2024 को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है. इन दिनों माता की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालु सुबह से माता के मंदिरों में पहुंच रहे हैं. वहीं, हरियाणा के अंबाला में माता का एक खास मंदिर है. इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान मां काली का स्नान दूध से कराया जाता है. मान्यता है कि सदियों से यह परंपरा चली आ रही है. मान्यता के अनुसार मां काली, दुखभंजनी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की हर एक मनोकामना पूर्ण करती हैं.

offer milk to Kali Mata at Maa Dukh Bhanjani Mandir Ambala
मां काली दुख भंजनी मंदिर अंबाला

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Apr 12, 2024, 1:15 PM IST

मां काली दुख भंजनी मंदिर अंबाला

अंबाला:चैत्र नवरात्रि 2024 को लेकर इन दिनों श्रद्धालु भारी संख्या में माता के मंदिर पहुंच रहे हैं. इन दिनों मंदिर माता के जयकारे से गुंजायमान है. वहीं, हरियाणा के अंबाला शहर में उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर है, जहां नवरात्रि के दौरान मां का स्नान दूध से करवाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से माता श्रद्धालु की हर मन्नत पूर्ण करती हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.

दूध से होता है मां काली का स्नान: परंपरा के मुताबिक नवरात्रि के तीसरे दिन (मां चंद्रघंटा का दिन) अंबाला शहर स्थित मां काली दुख भंजनी मंदिर में मां का स्नान दूध से कराया जाता है. नवरात्रि के तीसरे दिन दूध से मां का स्नान करवाने के लिए मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहता है. मान्यता के मुताबिक जो भी महिला मां का स्नान दूध से कराती हैं तो माता उस पर बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं. माता प्रसन्न होकर उसे 'दूधो नहाओ, पूतो फलो' का आशीर्वाद देती हैं.

हरियाणा के अंबाला में मां काली दुख भंजनी मंदिर.

संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं माता!: वहीं, इस मान्यता को लेकर मां काली दुख भंजनी मंदिर के पंडित पंकज शर्मा ने बताया कि उत्तर भारत से सिर्फ इसी मंदिर में मां का स्नान दूध से करवाया जाता है और इसकी भी कई मान्यताएं हैं. मां महिलाओं को 'दूधो नहा​ओ, पूतो फलो' का आशीर्वाद देती हैं. दूध से स्नान कराने के बाद शहर में एक शोभा यात्रा निकाली जाती है, जिसमें मां भक्तों के घरों जाती हैं. इसके बाद काली माता की ताज पोशी होती है. इस दौरान माता को 56 भोग लगाने का विशेष विधान है.

मां काली दुख भंजनी मंदिर में दूध से मां काली का स्नान.

नवरात्रि के तीसरे दिन मंदिर में लगा रहता है भक्तों का तांता: मंदिर में आए भक्तों का कहना है कि मां का दूध स्नान किया जा रहा है. आज के दिन जो भी महिला मां को दूध से स्नान करवाती है मां प्रसन्न होकर उसे दूधो नहाओ पूतो फलों का आशीर्वाद देती हैं. मंदिर में आए श्रद्धालुओं ने कहा कि वे पिछले कई सालों से मंदिर में आ रहे हैं और माता ने उनकी हर मनोकामना पूरी की है. अंबाला का ये ऐसा उत्तर भारत का इकलौता मंदिर है जहां पर नवरात्रि के तीसरे दिन माता का दूध से स्नान कराने का विधान है.

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