हैदराबादःभारत में जमीन से संबंधित व्यापक पैमाने पर समस्याएं हैं. जमीन का अपडेट दस्तावेज, मालिकाना हक, अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज सहित अन्य समस्याओं के एक ओर बड़े पैमाने पर लॉ-इन-आर्डर की समया व अपराध से पुलिस-प्रशासन परेशान है. वहीं न्यायालयों में बड़े पैमाने पर मामले लंबित है. दूसरी ओर सरकार को व्यापक पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भूमि सुधार के लिए व्यापक कदम उठाने का निर्णय लिया गया है. इसके तहत राज्य सरकारों की ओर से भूमि-संबंधी सुधार, ग्रामीण भूमि-संबंधी कार्यवाहियां और शहरी भूमि-संबंधी कार्यवाहियों के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया है.
भूमि-संबंधी सुधार में राज्य सरकारों का दायित्व
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में भूमि-संबंधी सुधार के कदम उठाये जायेंगे.
- नये सिरे से भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन करना.
- इसके तहत शहरी नियोजन, उपयोग और भवन उपनियमों को कवर करेंगी.
- उचित वित्तीय सहायता के माध्यम से अगले 3 सालों के भीतर भूमि-संबंधी सुधार के लिए लक्ष्य को पूराके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि सुधार
- ग्रामीण क्षेत्र के सभी भूमियों के लिए विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN) या भू-आधार बनाया जायेगा.
- कैडस्ट्रल मानचित्रों का डिजिटलीकरण कराया जायेगा.
- वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-विभाजनों का सर्वेक्षण कराया जायेगा
- भूमि रजिस्ट्री की स्थापना की जायेगी.
- किसानों की रजिस्ट्री से लिंक करना शामिल होगा. इससे कार्य ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाओं को भी सुगम होगा.