बीकानेर : सीमा की सुरक्षा के लिए रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट के बाद अब बीएसएफ ने अपनी क्षमता को बढ़ाते हुए प्रशिक्षित डॉग्स को सीमा पर जवानों के साथ तैनात किया है. बॉर्डर पर ये डॉग्स जवानों के लिए काफी मददगार होंगे.
20 डॉग्स को भेजा जा चुका बॉर्डर पर :बीएसएफ के बीकानेर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी अजय लूथरा बताया कि बीकानेर बीएसएफ सेक्टर मुख्यालय पर शुरू हुई इस ट्रेनिंग अकादमी में अब तक प्रारंभिक चरण के बाद 20 स्वान को प्रशिक्षित कर बॉर्डर पर भेजा जा चुका है. वहीं, करीब 32 और डॉग्स को ट्रेनिंग दी जा रही है और आने वाले समय में इन्हें भी अलग-अलग जगह पर भेजा जाएगा.
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24 सप्ताह की ट्रेनिंग :वर्तमान में 20 जर्मन शेफर्ड डॉग्स ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं, जो एसॉल्ट डॉग्स की ट्रेनिंग ले रहे हैं. इन डॉग्स को 24 सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाएगी. बीएसएफ में पहले एक बटालियन में चार डॉग्स हुआ करती थी, जिसे बढ़ाकर अब 8 डॉग्स किए गए हैं. इन डॉग्स की अलग-अलग प्रकार की ट्रेनिंग होती है, जिनमें नारकोटिक्स, एक्सप्लोसिव, आईपी अटैक, आईपी सर्च एंड रेस्क्यू शामिल हैं. इन डॉग्स को 6 प्रकार की ट्रेनिंग कराई जा रही है. 2 साल में इस प्रकार की ट्रेनिंग के चार फेज चलेंगे. यह पहला फेज है.
इस तरह किया जाएगा प्रशिक्षित
- एक्सप्लोसिव ट्रेनिंग : हथियार और बारूद की खोजबीन करना सिखाया जाएगा.
- नारकोटिक्स ट्रेनिंग : सूंघते-सूंघते नशीले सामान तक पहुंचने की ट्रेनिंग.
- असॉल्ट ट्रेनिंग : इस ट्रेनिंग में डॉग्स को गोली चलाने वाले दुश्मन पर हमला करने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
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लंबी प्रक्रिया के बाद होगी तैनाती :डॉग्स को सुबह-शाम ट्रेनिंग दी जाती है. एक डॉग के साथ एक हैंडलर होता है. ये हैंडलर BSF का एक जवान होता है. हर हैंडलर अपने डॉग का ध्यान रखता है. ट्रेनिंग के दौरान डॉग को सबसे पहले एक इशारे में बैठना, खड़ा होना सिखाया जाता है. जिन सीमा क्षेत्रों में मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या ज्यादा है, वहां नारकोटिक्स सूंघने में ज्यादा सक्षम डॉग को तैनात किया गया है. अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर कई बार ड्रोन के जरिए हेरोइन तस्करी के मामले सामने आए हैं. ऐसे में बीकानेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिले से लगती सीमा पर मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए यह डॉग्स अहम भूमिका निभाएंगे.
ब्रीडिंग सेंटर भी स्थापित : डीआईजी लूथरा ने बताया कि इन डॉग्स को आवश्यकता अनुसार राजस्थान और गुजरात फ्रंटियर में भेजा जाएगा. इसके साथ ही यहां पर डॉग्स के लिए एक ब्रीडिंग सेंटर भी शुरू किया गया है, जहां भविष्य में बीएसएफ के लिए अच्छी नस्ल के श्वान तैयार किया जा सकेंगे.
राजस्थान फ्रंटियर की ट्रेनिंग सेंटर बीकानेर :दरअसल, राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश की टेकनपुर में बीएसएफ की डॉग्स ट्रेनिंग अकादमी है. अब बीएसएफ ने इसमें और विस्तार करते हुए पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों के फ्रंटियर पर एक-एक ट्रेनिंग सेंटर और शुरू किया है और राजस्थान और गुजरात फ्रंटियर का ट्रेनिंग सेंटर बीकानेर में शुरू हुआ है.