भोपाल। अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे सांप सीढ़ी के खेल का मजा देते रहे. वोटों की गिनती शुरू होने के साथ पहले 3 राउंड में बीजेपी आगे रही लेकिन चौथे राऊंड से जो पीछे खिसकी तो 14वें राऊंड तक लगने लगा था कि कम अंतर से सही कांग्रेस अपने गढ़ को बचा लेगी लेकिनआखिरी के 3 राऊंड ने नतीजा पलट दिया और 3252 वोट से बीजेपी के कमलेश प्रताप शाह चुनाव जीत गए. कांग्रेस के लिए ये हार हाथ आए निवाले के छूट जाने की तरह है. जाहिर है इसका असर जीतू पटवारी के नेतृत्व और कमलनाथ की खत्म होती सियासत का संदेश भी है. बीजेपी ने तो जीतू पटवारी के इस्तेफी की मांग भी शुरू कर दी है.
कमलनाथ के गढ़ में फिर खिला कमल
अमरवाड़ा सीट के उपचुनाव में जिस तरह से वोटों की गिनती के साथ नतीजों के रूझान मिल रहे थे. शुरुआती 3 चरणों में अगर बीजेपी की जीत दर्ज होती दिखाई दी तो चौथे राऊंड से कहानी पलटती दिखाई दे रही थी. लेकिन कांग्रेस जीत के आत्मविश्वास में आती इसके पहले ही 14 वें राउंड से पूरा सीन बदल गया और आखिरी के तीन राउंड में बीजेपी के कमलेश प्रताप सिंह ने ऐसी बढ़त बनाई कि फिनिशिंग लाईन पर पहुंच कर ही रुकेऔर 3 हजार 252 मतों से कमलेश प्रताप शाह ने ये चुनाव जीत लिया.
राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलियाकहते हैं "दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी शुरुआत के तीन राऊंड और आखिरी के तीन राऊंड में ही आगे रही लेकिन इस तरह की जीत तक पहुंच गई. ये नतीजे कांग्रेस हाईकमान के लिए ये मौका है कि उन्हें अब प्रदेश के नेतृत्व पर पुनर्विचार करना चाहिए. बाकी कमलनाथ की ढलती राजनीति का संदेश तो है ही."
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