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महाबोधि-विष्णुपद मंदिर बनेंगे काशी विश्वनाथ की तरह, राजगीर-नालंदा को बनाया जाएगा ग्लोबल टूरिस्ट - Corridor Tourism In Union Budget

Mahabodhi Vishnupad Corridor : धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बजट में बड़े ऐलान किए गए हैं. बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के गया स्थित महाबोधि और विष्णुपद मंदिर विकसित किया जाएगा. आइये जानते हैं कि आखिर क्या है मोदी सरकार का मास्टर प्लान?

बिहार को सौगात
बिहार को सौगात (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 23, 2024, 8:21 PM IST

पटना : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया. इसमें बिहार के लिए सौगातों की बौछार कर दी. इसमें कॉरिडोर से लेकर ग्लोबल टूरिस्म को शामिल किया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले समय में राजगीर में सप्तऋषि कॉरिडोर बनेगा. साथ ही गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर में विकसित किया जाएगा.

'काशी उज्जैन की तरह हो विकास' : विष्णुपद कॉरिडोर से गया पाल पंडों में काफी खुशी है. इस संबंध में विष्णुपद प्रबंध कारिणी समिति के अध्यक्ष शंभू लाल विट्ठल ने बताया कि, ''केंद्रीय वित्त मंत्री ने विष्णुपद-बोधगया को कॉरिडोर में जोड़ा है और अलग पैकेज लाए हैं. इसके लिए केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्री वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं. विष्णुपद कॉरिडोर से काशी उज्जैन की तरह विष्णुपद का विकास हो सकेगा.''

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

विष्णुपद का महत्व : विष्णुपद को मोक्ष भूमि कहा जाता है. यहां भगवान विष्णु गदाधर रूप में साक्षात प्रकट हुए थे और गयासुर नाम के राक्षस पर दाहिना पैर रखकर उसे दबाया था. श्री विष्णु चरण के निशान आज भी विराजमान है. पुराणों शास्त्रों के अनुसार गयासुर के शरीर पर रखे गये विष्णु चरण के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

मोक्ष भूमि है गया : गया में मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं. यहां वर्तमान में 55 से अधिक वेदिया हैं, इन वेदियों पर अलग-अलग दिनों में पिंडदान करने का विधान है. पितृ पक्ष मेले के दौरान लाखों पिंड दानी अपने पितरों को मोक्ष दिलाने की कामना को लेकर गया जी आते हैं. गया जी सनातन धर्मावलंबियों के लिए देश के सबसे बड़े तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता है.

विष्णुपद में विष्णु चरण (ETV Bharat)

महोबोधि का महत्व : बोधगया में महाबोधि मंदिर है. लगभग 11 किलोमीटर की दूरी विष्णुपद और महाबोधि मंदिर में है. इसपर कॉरिडोर बनाने की घोषणा हुआ है. बोधगया महाबोधि मंदिर अंतर्राष्ट्रीय धरोहर के रूप में मौजूद है. यहां विश्व भर के बौद्ध धर्मावलंबियों की आस्था का यह बड़ा केंद्र है. महाबोधि मंदिर विश्व विख्यात है और अंतरराष्ट्रीय धरोहर है. यहां विश्व भर के बौद्ध श्रद्धालु हैं और महाबोधि मंदिर पहुंचकर भगवान बुद्ध के दर्शन पूजन करते हैं.

भगवान बुद्ध को हुई थी ज्ञान की प्राप्ति : महाबोधि मंदिर को लेकर जो कथा है, उसके अनुसार भगवान बुद्ध को यहीं ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. ज्ञान प्राप्ति की खोज में भगवान बुद्ध विभिन्न मार्गो से चलते हुए बोधगया पहुंचे थे और यहां पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया था. पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान लगाने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. वह पीपल का वृक्ष आज भी मौजूद है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

'नीतीश के नालंदा' पर विशेष कृपा :बिहार की राजनीति और आमलोगों में यह आम प्रचलन है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने गृह जिले नालंदा पर विशेष ध्यान देते हैं. केन्द्र ने भी नालंदा पर फोकस किया है. नालंदा में सप्तऋषि कॉरिडोर की घोषणा की गई है. इसके साथ ही राजगीर में बड़ा टूरिस्ट सेंटर बनेगा. नालंदा में पर्यटन का विकास होगा. नालंदा यूनिवर्सिटी के विकास के लिए भी बजट मिला है.

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

नीतीश की उम्मीद, मोदी ने की पूरी :बता दें कि पिछले दिनों नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बिहार पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा था कि नालंदा यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिक गरिमा लौटाने के लिए बिहार सरकार ने बहुत कुछ किया, लेकिन अब उन्हें केन्द्र से उम्मीद है. अब ऐसे में मोदी सरकार ने उम्मीद को पूरा कर दिया है.

नालंदा विश्विद्यालय में पीएम मोदी. (ETV Bharat)

विश्व शांति स्तूप : राजगीर का विश्व शांति स्तूप बौद्ध धर्मलंबियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जगह है. विश्व शांति स्तूप को जापानी स्तूप भी कहा जाता है. यह स्तूप सफेद रंग का एक विशाल स्तूप है. इस स्तूप के अंदर एक छोटा जापानी बौद्ध मंदिर है.

विश्व शांति स्तूप (ETV Bharat)

राजगीर का ग्लास ब्रिज : राजगीर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है ग्लास फ्लोर ब्रिज, जो सबसे रोमांचक वास्तुशिल्प चमत्कार है, एक विशाल आकाश जिसकी बेहतरीन विशेषता पारदर्शी फर्श है. यह पुल 85 फीट लंबा और 6 फीट चौड़ा है. नेचर सफारी पार्क के अंदर स्थित, यह राजगीर दौरे के दौरान अवश्य देखने लायक जगहों में से एक है.

राजगीर का ग्लास ब्रिज (ETV Bharat)

घोड़ा कटोरा झील : राजगीर के पास घोड़ा कटोरा झील बहुत ही मनमोहक और मनमोहक जगह है. पर्यटकों का मानना ​​है कि यह राजगीर के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है क्योंकि इसकी पहली झलक ही आपका दिल जीत लेती है. झील बहुत ही खूबसूरत लगती है और इसके चारों ओर घूमने और आकर्षक तस्वीरें लेने के लिए एकदम सही जगह है.

राजगीर का रोपवे : बिहार के सबसे खास पर्यटन स्थल में रोप वे है. राजगीर के रोपवे में बैठकर पूरे राजगीर का नजारा कर सकते हैं. इस रोपवे के जरिए पर्यटक पहाड़ों में बने विश्व प्रसिद्ध शांति स्तूप तक जाते हैं. इस रोपवे में बैठने के बाद टूरिस्ट प्राकृतिक खूबसूरती को महसूस कर सकते हैं.

वाइल्डलाइफ सफारी : राजगीर का वाइल्डलाइफ सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है, यह काफी खूबसूरत है. राजगीर आए टूरिस्ट इस जगह को एक बार जरूर घूमते हैं. वन्य जीव और पक्षियों से प्यार करने वाले इस जगह पर खिंचे चले आते हैं. राजगीर वाइल्डलाइफ सफारी में आपको कई प्रकार के वन्य जीव और पक्षी देखने को मिलते हैं. राजगीर के इस वाइल्ड लाइफ में कई ऐसे भी पक्षियां हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं.

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