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मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में बड़ी साजिश, नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश:गृहमंत्री - MUKESH CHANDRAKAR MURDER CASE

''बस्तर में शांति के लिए किए जा रहे कामों को रोकने की साजिश है. इसके पीछे कौन है उसका पता लगाया जाएगा''.

MUKESH CHANDRAKAR MURDER CASE
हत्या के पीछे बड़ी साजिश (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 4, 2025, 8:28 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 11:04 PM IST

रायपुर: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से देशभर के पत्रकार नाराज हैं. प्रेस एसोसिएसन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया तक ने पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं. बस्तर ले लेकर रायपुर तक पत्रकारों ने हत्या के विरोध में मार्च निकाला. रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि देते हुए मौन भी रखा. श्रद्धांजलि देने जुटे सभी पत्रकारों ने एक सुर में कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिले. पत्रकार राज्यपाल से मिलने राजभवन भी पहुंचे लेकिन राज्यपाल के सचिव उनसे मिलने नहीं आए. बाद में नाराज पत्रकार गेट पर धरने पर बैठ गए.

एसआईटी करेगी मर्डर की जांच: गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि मर्डर केस को सुलझाने के लिए एसआईटी का गठन का किया गया है. जांच भी शुरु हो चुकी है. गृहमंत्री ने कहा कि स्पीडी ट्रायल के जरिए दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी. गृहमंत्री ने कहा कि आरोपी कांग्रेस का कैसे पदाधिकारी बन गया इसपर कांग्रेस को बयान देना चाहिए. कांग्रेस इन आरोपों को दरकिनार नहीं कर सकती है.

मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में बड़ी साजिश (ETV Bharat)

पत्रकारों ने निकाला मार्च: बीजापुर में आज जहां पत्रकार ने हत्या के विरोध में सांकेतिक बंद बुलाया वहीं रायपुर में नाराज पत्रकारों ने मार्च निकाला. पत्रकारों का कहना था कि सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे. रायपुर में प्रेस क्राफ्रेंस के दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुकेश ग्राउंड लेवल की रिपोर्टिंग किया करते थे. गृहमंत्री ने कहा कि मैं खुद उनके बस्तर जंक्शन को देखा करता था, उनसे नक्सलवाद को खत्म करने पर चर्चा किया करता था. गृहमंत्री ने कहा कि उनके जाने से माओवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को धक्का लगा है. गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अप्रैल 2021 में बीजापुर के टेकलगुड़ा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में मुकेश चंद्राकर जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

दुर्ग में निकाला गया कैंडल मार्च:स्टील सिटी प्रेस क्लब के सदस्यों ने मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला. जिले के पत्रकारों ने 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत मुकेश चंद्राकर को नमन किया. श्रद्धांजलि मार्च में शामिल हुए लोगों ने कहा कि दोषियों को हर हाल में कड़ी सजा मिलनी चाहिए. भिलाई के वरिष्ठ पत्रकार हरप्रीत सिंह भाटिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ के पत्रकारों की सुरक्षा को सरकार सुनिश्चित करे. भाटिया ने कहा कि मुकेश चंद्राकर को न्याय दिलाने के लिए वो अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे.

प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा: प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ने मुकेश चंद्राकर की हत्या की निंदा की है. पत्रकार की हत्या पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि खोजी रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों की सुरक्षा पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. जो भी दोषी हैं उनको राज्य सरकार कड़ी से कड़ी सजा कानून के जरिए दिलाए.

कौन थे मुकेश चंद्राकर: मुकेश चंद्राकर फ्रीलांस जर्नलिस्ट थे. फ्रीलांस जर्नलिस्ट होने से पहले वो कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम करते रहे. मुकेश चंद्राकर बस्तर जंक्शन नाम से वीडियो ब्लॉग चलाते थे. उनका वीडियो ब्लॉग बस्तर जंक्शन पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है. 33 साल के मुकेश चंद्राकर नक्सलवाद से जुड़े विषयों को लेकर गंभीर रिपोर्टिंग में माहिर थे. नक्सलियों के कोर एरिया में की गई उनकी रिपोर्टिंग हमेशा पढ़ी और देखी जाती थी. मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी के दिन घर से बाहर निकले थे फिर वो गायब हो गए. मुकेश के भाई युकेश ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. 3 जनवरी की शाम मुकेश का शव सेप्टिंक टैंक से बरामद हुआ. मुकेश का लास्ट लोकेशन सेप्टिंक टैंक के पास मिला था. मुकेश बस्तर में बन रहे रोड निर्माण को लेकर खबर कवर कर रहे थे. रोड की गुणवत्ता को लेकर वो सवाल खड़े कर रहे थे.

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Last Updated : Jan 4, 2025, 11:04 PM IST

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