बेंगलुरु:कर्नाटक के विजयपुरा में वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रही बहस तेज हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किसानों को आश्वस्त किया कि उन्हें आवंटित कोई भी जमीन वापस नहीं ली जाएगी.
बता दें पिछले कुछ वर्षों में भूमि सुधार अधिनियम के तहत किसानों को 11,835 एकड़ जमीन वितरित की गई थी. वहीं, इनाम उन्मूलन अधिनियम के तहत 1,459 एकड़ और 26 गुंटे आवंटित किए गए. 133 एकड़ और 17 गुंटे विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए मुआवजे के साथ अधिग्रहित किए गए.
मंत्रियों ने पुष्टि की कि इन श्रेणियों के तहत आवंटित भूमि के लिए कोई बेदखली नोटिस जारी नहीं किया गया है. सरकार और वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान दोनों ने पुष्टि की कि उनका किसानों से भूमि वापस लेने का कोई इरादा नहीं है.
बीजेपी ने कांग्रेस सरकार की आलोचना की
बीजेपी नेता सीटी रवि ने कांग्रेस, खासकर मंत्री जमीर अहमद खान पर वक्फ भूमि पर उनकी टिप्पणी को लेकर तीखा हमला किया. रवि ने तर्क दिया कि भारत संवैधानिक कानूनों से चलता है, शरिया से नहीं. उन्होंने जमीर को चुनौती देते हुए कहा, "अगर आप शरिया कानून चाहते हैं, तो पाकिस्तान चले जाइए."
उन्होंने जमीर की उस चेतावनी की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वक्फ भूमि को नुकसान पहुंचाया गया तो क्रांति हो सकती है और इसे संविधान के लिए खतरा बताया. रवि ने सुझाव दिया कि मंत्री के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
वक्फ विवाद पर क्यो बोले सीएम सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आश्वासन दिया कि विजयपुरा में किसी भी किसान ने वक्फ संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई नोटिस गलती से जारी किया गया है, तो उसे तुरंत वापस ले लिया जाएगा. सिद्धारमैया ने यह भी बताया कि राजस्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा, मंत्री एमबी पाटिल और मंत्री जमीर अहमद खान ने संयुक्त प्रेस वार्ता में इस मुद्दे को पहले ही स्पष्ट कर दिया है.