कोलकाता: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. तृणमूल सरकार ने 2011 में राज्य की सत्ता में आने के बाद पहली बार रामनवमी पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कार्यालय, उनके सहयोगी संगठन और उपक्रम 17 अप्रैल को बंद रहेंगे.
प. बंगाल में रामनवमी के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा - Ram Navami holiday in Bengal
public holiday Ram Navami in Bengal: पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है. लोकसभा चुनाव से पहले ममता सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीति के गलियारों में इसकी चर्चा है.
Published : Mar 10, 2024, 10:35 AM IST
पिछले कुछ वर्षों के दौरान पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलूसों को लेकर हिंसा की घटनाएं हुई हैं. पिछले साल रामनवमी जुलूस को लेकर कम से कम तीन जगहों से हिंसा की खबरें आई थीं, जिसकी जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि रामनवमी पर छुट्टी घोषित नहीं करने के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी, इसीलिए यह निर्णय लिया गया है.
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता जो हर बार 'जय श्रीराम' के नारे सुनकर गुस्से से नीली हो जाती थीं, उन्होंने आखिरकार राज्य में रामनवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किए एक संदेश में कहा, 'ममता ने अपनी हिंदू विरोधी छवि को सुधारने के लिए ऐसा किया है। हालांकि बहुत देर हो चुकी है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रामनवमी के जुलूस पर पथराव न हो.'