नई दिल्ली: 'बेटी बचाओ', 'बेटी पढ़ाओ' योजना को भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2015 में शुरू किया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित गर्भपात को रोकना, लड़कियों की सुरक्षा, उनकी शिक्षा और खेल के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना है.
इस योजना को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है. योजना को शुरू में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बाल लिंग अनुपात में सुधार करने के लिए शुरू किया गया था. बाद में इस योजना का विस्तार अन्य क्षेत्रों में भी किया गया.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की विशेषताएं
इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के विकास और जन्म में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है. इसकी एक प्रमुख विशेषता शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों की भागीदारी को बढ़ावा देना है.योजना का उद्देश्य देश में कन्या भ्रूण हत्या और भ्रूण हत्या जैसे कृत्यों को रोककर लड़कियों की सुरक्षा करना भी है. इसके अलावा यह बाल विवाह को रोकती है और लड़कियों को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से बचाती है.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए कौन पात्र है?
जिन परिवारों में 10 साल से कम आयु की लड़की है. वे इस योजना के लिए पात्र हैं. इसके लिए जरूरी है कि परिवार ने लड़की के नाम पर किसी भी भारतीय बैंक में सुकन्या समृद्धि अंकाउट खोला हो. साथ ही लड़की भारत की निवासी होनी चाहिए. एनआरआई नागरिक इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं.