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अयोध्या में शीतला माता मंदिर के महंत जयप्रकाश दास को उम्रकैद, 2016 में हुई थी महिला शिक्षक की हत्या - MAHANT JAIPRAKASH DAS

अदालत ने अयोध्या के शीतला माता मंदिर के महंत जयप्रकाश दास और उनके भतीजे रमेश दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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अपर जिला जज अशोक कुमार दुबे ने सुनाया फैसला (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2024, 7:15 PM IST

Updated : Dec 12, 2024, 9:41 PM IST

अयोध्या/मुजफ्फरनगर:रामनगरी अयोध्या स्थित शीतला धाम मंदिर के महंत और उनके भतीजे को शिक्षिका की हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है. अदालत ने दोनों को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई. प्रत्येक पर 10000 रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. यह फैसला अपर जिला जज अशोक कुमार दुबे की अदालत ने गुरुवार को सुनाया.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार ओझा ने बताया कि वारदात 20 अक्टूबर 2016 की सुबह 7:30 हुई थी. भरत कुंड मसौधा पढ़ाने जा रही शिक्षिका द्रौपदी देवी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसकी रिपोर्ट उसकी बहन विद्या देवी ने बेगमगंज मकबरा निवासी जयप्रकाश दास के खिलाफ दर्ज करायी थी. बहन का आरोप था कि उसकी बहन का जयप्रकाश दास से मकान के संबंध में दीवानी न्यायालय में बाद लंबित है.

मूल मुकदमे में 18 अक्टूबर 2016 को बहस हुई थी. अंतिम निर्णय अदालत में सुरक्षित था. जय प्रकाश ने कुछ दिन पूर्व द्रौपदी देवी को मारा पीटा था और मुकदमे का निर्णय आने के पहले जान से मरवा देने की धमकी भी दी थी. इसी रंजिश के चलते वारदात वाले दिन जब द्रौपदी देवी अपने स्कूल जा रही थीं, तो बेगमगंज मकबरा के पास उन्हें जयप्रकाश दास ने मार दिया.

जब उन्होंने देखा तो मंदिर के पूरब द्रौपदी देवी की लाश पड़ी थी. विवेचना के दौरान मामले में जयप्रकाश दास के भतीजे रमेश दास का नाम भी प्रकाश में आया. बचाव पक्ष से यह कहा गया कि द्रौपदी के रामलाल पंडित से अवैध संबंध थे, इसी के चलते उसकी हत्या हुई. उसे फर्जी फंसाया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने जयप्रकाश दास और उसके भतीजे रमेश दास को हत्या का दोषी पाते हुए सजा सुनाई. इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया.

मुजफ्फरनगर में युवती हत्या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास: मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी क्षेत्र में 22 साल पहले हुई एक युवती की हत्या मामले में आरोपी नौशाद अंसारी को दोषी करार देते हुए अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया. विशेष अदालत ने नौशाद को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. 22 सितंबर 2002 को वादी रीता ने थाना नई मण्डी पुलिस को तहरीर दी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी नौशाद अंसारी निवासी जौली, थाना भोपा ने उनकी बहन गंगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

पुलिस ने 28 नवंबर 2002 को आरोपी नौशाद को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने इस मामले 13 जनवरी 2003 को आरोपी के खिलाफ हत्या और साजिश के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पैरवी की. विशेष अदालत एडीजे-04 कनिष्क कुमार सिंह जज ने आरोपी नौशाद को दोषी करार दिया और उसे आजीवन कारावास और 10 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई.

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Last Updated : Dec 12, 2024, 9:41 PM IST

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