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दिल्ली सीएम के तौर पर आसान नहीं आतिशी की राह, सामने हैं चुनौतियों की पहाड़ ! - Atishi Take Responsibility of CM

आतिशी ने आज दिल्ली सचिवालय पहुंचकर आज मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया. अब पदभार संभालने के साथ ही आतिशी को दिल्ली सरकार की तरफ से घोषित कई योजनाओं को लागू कराने की चुनौती भी सामने है.

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सीएम का पद संभालेंगी आतिशी (Animated)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2024, 10:41 AM IST

Updated : Sep 23, 2024, 1:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी आज दिल्ली स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यभार संभाला. शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद आतिशी ने कैबिनेट में शामिल पांच मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया था. उसके बाद आज पहला कार्य दिवस है. आतिशी सचिवालय के तीसरी मंजिल पर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार संभाला.

गत मार्च महीने में दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. उसके बाद से अब तक मुख्यमंत्री कार्यालय एक तरह से निष्क्रिय था. इस बार चालू वित्त वर्ष का बजट पेश करते हुए बतौर वित्त मंत्री आतिशी ने दिल्ली वालों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया था. जिसमें अहम है दिल्ली की महिलाओं के लिए प्रतिमाह हजार रुपये सम्मान निधि राशि उनको देना. केजरीवाल सरकार के कार्यकाल में बिजली-पानी मुफ्त देने के अलावा कई ऐसी योजनाओं का ऐलान होता रहा है. जिससे वर्ग विशेष को फायदा मिला है और सरकार चलती आ रही है. अब मुख्यमंत्री कार्यालय में पदभार संभालने के साथ ही आतिशी को सरकार की तरफ से घोषित इन योजनाओं को लागू कराने की चुनौती भी सामने है.

दिल्ली की महिलाओं को एक हजार रुपये देने की योजना:इस वर्ष बजट में महिलाओं के लिए सम्मान निधि योजना देने का ऐलान नया था. बजट पेश किए हुए छह महीने से अधिक समय बीत चुके हैं. तब आतिशी वित्त मंत्री थी और अब आतिशी मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. ऐसे में जिम्मेदारी संभालते ही सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने सरकार की इस नई योजना को लागू करना होगा. इस योजना को अभी तक कैबिनेट में भी नहीं लाया जा सका है. दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में भी कम दिन बचे हैं. योजना को मंजूरी दिलाना और इसे लागू करना बतौर महिला मुख्यमंत्री होने से आतिशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

पानी की किल्लत दूर करना:आतिशी के पास तकरीबन सभी प्रमुख विभाग है. विपक्ष जिस तरह दिल्ली में बीते दो वर्षों में विकास कार्य ठप होने का आरोप लगाती आ रही है. दिल्ली में पानी की समस्या इस कदर हो गई थी कि लोग पानी के लिए सड़कों पर संघर्ष करते हुए दिखाई दिए थे. पानी की जरूरतों को लेकर आतिशी ने केंद्र व हरियाणा सरकार पर ठीकरा फोड़ा था. अब वह बतौर मुख्यमंत्री कैसे इस बुनियादी जरूरत का समाधान निकालेगी इस पर भी नज़रें टिकी रहेंगी. पानी सीवर के मुद्दे पर आतिशी के मुख्यमंत्री बनने से दो दिन पहले ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का दौरा किया और वहां के हालात पर दुख जताया था. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए.

मंत्रियों के साथ तालमेल:आतिशी दिल्ली की सबसे कम उम्र (43 वर्ष) की मुख्यमंत्री बनी है. उनके कैबिनेट में सभी मंत्री आतिशी से बड़े हैं. ऐसे में अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ तालमेल बिठाकर काम करना भी बड़ी चुनौती है. कैबिनेट मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, जो उनसे वरिष्ठ हैं उनके साथ सामंजस्य बिठाकर काम करना. साथ ही दिल्ली सरकार में कोई भी योजना हो या किसी मुद्दे पर निर्णय लेने की बात हो तो अंतिम निर्णय अरविंद केजरीवाल लेते थे. अब पार्टी के अन्य बड़े नेता अपनी बात आतिशी के समक्ष किस रूप में रखते हैं और उसे कितना तवज्जो मिलता है, यह भी बड़ा सवाल है.

इसके अलावे दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को मंजूरी देना, क्लाउड किचन योजना को अमलीजामा पहनाना तथा दिल्ली की हजारों किलोमीटर खस्ताहाल हो चुकी सड़कों को दुरुस्त करना, जिससे आम आदमी का रोजाना वास्ता पड़ता है. रैपिड रेल योजना के लिए दिल्ली सरकार द्वारा फंड का आवंटन जैसी कई ऐसी योजनाएं हैं, जिस पर सरकार को तुरंत फैसला लेना है. आतिशी मुख्यमंत्री इन सब पर कैसे और कब निर्णय लेती है इस पर भी सबकी नज़रें टिकी हैं.

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Last Updated : Sep 23, 2024, 1:53 PM IST

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