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एस्ट्राजेनेका का दुनियाभर से कोविड वैक्सीन वापस लेने का ऐलान, जानें कंपनी ने क्यों लिया यह फैसला - AstraZeneca vaccine - ASTRAZENECA VACCINE

AstraZeneca Covid vaccine: एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन को दुनिभर से वापस लेने का ऐलान किया है. कंपनी ने यह फैसला ऐसे समय में किया है, जब उसके टीकों से लोगों की मौत का मामला सामने आया है.

COVISHIELD
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 8, 2024, 9:59 AM IST

नई दिल्ली:एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने अपनी कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) को दुनिभर से वापस लेना शुरू कर दिया है. यूनाइटेड किंग्डम (UK) की फार्मास्युटिकल कंपनी ने हाल ही में स्वीकार किया था कि उसकी वैक्सीन में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ-साथ थ्रोम्बोसिस भी हो सकता है.

कंपनी ने कहा कि वह महामारी के बाद से बड़ी तादाद में अपडेट वैक्सीन उपलब्ध होने के कारण उन्हें वापस ले रही है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एंग्लो-स्वीडिश दवा निर्माता ने पहले यह स्वीकार किया था कि टीका रक्त के थक्के और कम रक्त प्लेटलेट गिनती जैसे दुष्प्रभाव डाल सकता है.

वैक्सीन की मांग में कमी
कंपनी ने यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया के मार्केट प्राधिकरणों को वैक्सीन हटाने का भी फैसला किया. कंपनी ने यह घोषणा इसलिए की है, क्योंकि नई वैक्सीन की सप्लाई के कारण बाजार में वैक्सजेवरिया की मांग में कमी आई है. अब इसका प्रोडक्शन या डिस्ट्रीब्यूशन नहीं किया जा रहा है.

बाजार में लेटेस्ट वैक्सीन उपलब्ध
कंपनी ने कहा, 'चूंकि कई प्रकार के कोविड-19 टीके विकसित किए गए हैं. इसलिए लेटेस्ट वैक्सीन बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं. इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसका अब निर्माण या सप्लाई नहीं की जा रही है.

वैक्सीन से हुई लोगों की मौत
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ कोलैबोरेट करके वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्राजेनेका वर्तमान में एक मुकदमे का सामना कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि उनके टीके से लोगों की मौतें हुई हैं और इसका डोज लेने वालों को गंभीर नुकसान हुआ है.

एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा कि क्लीनिक्ल ट्रायल और रियल वर्ल्ड डेटा में साक्ष्य के आधार पर एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन को लगातार एक स्वीकार्यता मिली है और दुनिया भर के नियामक लगातार कहते रहे हैं कि टीकाकरण के लाभ के साथ उसके दुर्लभ जोखिम भी हो सकते हैं.

बता दें कि यूके स्थित फार्मा कंपनी ने भारत सरकार को कोविशील्ड वैक्सीन प्रदान करने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ भी सहयोग किया था.

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