नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को राहत नहीं मिली. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी. दरअसल, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई को खत्म हो रही थी, जिसके तहत उन्हें कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद थी. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केजरीवाल की पेशी हुई. जहां स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया.
इसके पहले भी 23 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक के लिए बढ़ा दी थी. फिर 15 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. 1 अप्रैल को भी कोर्ट में सुनवाई हुई और 15 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया था. इसके पहले 28 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल को 1 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में भेजा दिया था.
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28 मार्च को हुए पेशी के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि ये राजनीतिक साजिश है, जनता इसका जवाब देगी. उन्होंने कहा कि असली घोटाला तो ईडी की जांच के बाद शुरू हुआ. ED का मकसद आम आदमी पार्टी को खत्म करना है. ईडी का मकसद एक स्मोक क्रिएट करना था कि आप पार्टी भ्रष्टाचारी है. ईडी का दूसरा मकसद उगाही करना है. केजरीवाला ने आगे बताया कि इस मामले में शरद रेड्डी ने गिरफ्तारी के बाद बीजेपी को 55 करोड़ रुपया दिया. बीजेपी को इलेक्टोरल बांड के रूप में पैसा देने के बाद शरद रेड्डी को जमानत मिल गई.
बता दें, 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद ईडी ने 21 मार्च को देर शाम को अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. 27 मार्च को हाईकोर्ट ने केजरीवाल को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने 28 मार्च को केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया. इसके बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है.
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