नई दिल्ली: आज का दिन आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ा दिन है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. जिसके बाद उनके तिहाड़ जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. ये जमानत उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई से जुड़े केस में मिली है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उन्हें सशर्त जमानत दी है. 21 मार्च, 2024 को अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था और 13 सितंबर, 2024 यानि आज का दिन आते-आते शायद ही कोई अदालत होगी जहां आम आदमी पार्टी ने जिसका दरवाजा ना खटखटाया हो. आइए इस पूरे घटनाक्रम को ग्राफिक्स के जरिए समझने की कोशिश करते हैं.
नई शराब नीति को लिया वापस:17 नवंबर, 2024 को दिल्ली सरकार नई एक्साइज पॉलिसी लेकर आई, 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने विवाद बढ़ता देख नई पॉलिसी को वापस लिया और पुरानी पॉलिसी लागू कर दी लेकिन तब तक बात काफी आगे बढ़ चुकी थी. खबर ईडी को लगी और ईडी ने केस दर्ज कर लिया. 8 जुलाई 2022 को LG ने इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की. सीबीआई ने केस दर्ज कर मनीष सिसोदिया और अन्य को आरोपी बनाया.
काफी हुई खींचतान: अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के बीच ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कुल 9 समन भेजे और 21 मार्च 2024 को ईडी ने सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. 10 मई को लोकसभा चुनावों के समय दिल्ली सीएम को सशर्त जमानत मिली उन्हें 2 जून 2024 को सरेंडर करना था. 20 जून को उन्हें ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनके खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी. इसी दौरान सीबीआई ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ की और 26 जून को सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी केस में अरविंद केजरीवाल को अतंरिम जमानत दे दी, लेकिन सीबीआई केस में गिरफ्तारी होने की वजह से केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ सके. कोर्ट ने कहा था कि वह 90 दिन से जेल में हैं इसलिए जमानत जरूरी है.
आइए जानते हैं क्या है क्या है दिल्ली की शराब नीति-