मुंबई: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम को एक एम्बुलेंस में आग गई. इस घटना में एक गर्भवती महिला और उसका परिवार बाल-बाल बच गया. गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई. आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है.
यह घटना उस समय हुई जब एम्बुलेंस से गर्भवती महिला और उसका परिवार एरंडोल सरकारी अस्पताल से जलगांव के जिला अस्पताल जा रहा था. तभी एम्बुलेंस में अचानक आग लग गई. इस घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर देश में एम्बुलेंस को लेकर क्या नियम हैं और इन नियमों को कौन तैयार करता है.
बता दें कि इमरजेंसी मेडिकल केयर और परिवहन प्रदान करने में एम्बुलेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. भारत में एम्बुलेंस सेवाओं को नियंत्रित करने के लिए कई रूल्स एंड रेगूलेशन मौजूद हैं. हालांकि, इनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है. ऐसे में अगर आप भी इन नियमों के बारे में नहीं जानते हैं, तो चलिए आज हम आपको इनके बारे में बताते हैं.
एम्बुलेंस के लिए रूल एंड रेगूलेशन
मेड कैबके मुताबिक सड़क परिवहन मंत्रालय भारत में एम्बुलेंस डिजाइन और संचालन के लिए एक सामान्य कोड प्रदान करता है, जिसमें विजिबलिटी और स्पष्टता से संबंधित दिशा-निर्देश शामिल हैं.
एम्बुलेंस का कलर
नियम के अनुसार एम्बुलेंस के बाहरी हिस्से का रंग चमकीला सफेद होना चाहिए. साथ ही इसकी नियमित सफाई होनी चाहिए और यह कठोर मौसम को झेलने में सक्षम होना चाहिए.इस नियम के तहत वाहन के सामने के हिस्से का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा सल्फर पीला होना चाहिए, जबकि कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा चमकीला लाल होना चाहिए.
इतना ही नहीं वाहन पर 'एम्बुलेंस' शब्द को पीले रंग के बैकग्राउंड पर लिखा जाना चाहिए, जो हुड की चौड़ाई का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा कवर करता हो. साथ ही, इसे मिरर इमेज (रिवर्स रीडिंग) में भी डिस्पले किया जाना चाहिए ताकि एम्बुलेंस के आगे चलने वाले ड्राइवर इसे आसानी से पहचान सकें.