बेंगलुरु:मेट्रो रेल किराए में 50 फीसदी तक की वृद्धि को लेकर जनता में आक्रोश के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से उन जगहों पर मेट्रो रेल किराए को कम करने को कहा जहां वृद्धि असामान्य है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर कहा कि जिस तरह से बीएमआरसीएल ने किराया संशोधन को लागू किया है. उससे कुछ हिस्सों में किराया दोगुना हो गया है. उन्होंने कहा, 'मैंने बीएमआरसीएल से यात्रियों के हितों की रक्षा के लिए उन जगहों पर किराया तुरंत कम करने को कहा है, जहां बढ़ोतरी असामान्य है.'
मेट्रो ने संशोधित किराए पिछले रविवार (9 जनवरी) से लागू किए. किराए में 10 रुपये से लेकर 90 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है, जबकि पहले यह 10 रुपये से लेकर 60 रुपये तक था. 10 रुपये के बेस डिस्टेंस स्लैब को छोड़कर, सभी डिस्टेंस स्लैब पर किराए में 5 रुपये से लेकर 30 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई.
हालांकि बीएमआरसीएल ने दावा किया है कि अधिकतम बढ़ोतरी 50 फीसदी तक है, लेकिन कुछ सेक्शन में यह बढ़ोतरी 50 फीसदी से भी ज्यादा है. 20 से 30 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करने वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि उन्हें प्रतिदिन 60 रुपये अधिक चुकाने पड़ रहे हैं.
इस वजह से लोगों में गुस्सा है और मेट्रो रेल के सैकड़ों यात्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बात पर अपना गुस्सा जाहिर किया है कि किराया वृद्धि अनुचित है. कुछ लोगों ने इस भारी बढ़ोतरी को मजदूर वर्ग और गरीबों को मेट्रो रेल का इस्तेमाल करने से दूर करने की साजिश भी माना है, ताकि अमीरों को परेशानी मुक्त यात्रा करने में मदद मिल सके.
इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. इसमें राज्य कांग्रेस सरकार ने मूल्य वृद्धि के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मूल्य वृद्धि लागू होने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने कहा था, 'मूल्य वृद्धि में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है. मूल्य निर्धारण समिति अपनी संस्तुति केंद्र को भेजती है, जो बदले में उसे मंजूरी देती है.'