नैनीताल: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भीषण सड़क हादसा हुआ है. नैनीताल जिले के भीमताल में रोडवेज की बस गहरी खाई में गिर गई. हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हो गए. मौके पर पहुंचकर एसडीआरफ और पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. घायल को खाई से निकालकर पास के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. जानकारी के मुताबिक बस में 29 लोग सवार थे.
बताया जा रहा है कि बस पिथौरागढ़ से हल्द्वानी जा रही थी, तभी बीच रास्ते में भीमताल के पास ये हादसा हो गया. हादसे में चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस और प्रशासन की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही. हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 लोग घायल हो गए. वहीं घटना के बाद मृतक के परिवारों में मातम छाया हुआ है. वहीं एसडीआरफ और पुलिस टीम ने सभी को रेस्क्यू कर बाहर निकाला.
नैनीताल के भीमताल में रोडवेज बस खाई में गिरी (ETV Bharat) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमताल बस हादसे को लेकर X पर जानकारी शेयर की है. सीएम धामी ने लिखा है कि भीमताल के निकट बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का समाचार अत्यंत दुःखद है. स्थानीय प्रशासन को त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के लिए निर्देशित किया है. बाबा केदार से सभी यात्रियों के सकुशल होने की कामना करता हूं.
वहीं सीएम धामी ने बस दुर्घटना के मृतकों और घायलों को राहत राशि प्रदान करने का ऐलान किया. जिसमें मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को ₹3 लाख और सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों को ₹15- ₹25 हजार के बीच राहत राशि प्रदान की जाएगी.
दिन का दूसरा बड़ा हादसा:बता दें कि, आज ये दूसरा बड़ा हादसा है. सुबह ही बागेश्वर से देहरादून जा रही एक बस ऋषिकेश-देहरादून रोड पर सात मोड़ के पास अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. बस में कुल 45 स्कूली छात्राएं थीं. सभी छात्राएं खेल महाकुंभ में भाग लेने दून जा रही थीं. ये इवेंट देहरादून महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में हो रहा है. एसडीआरएफ ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया. हादसे का कारण ड्राइवर का बस से नियंत्रण खोना बताया जा रहा है.
बता दें कि इसी साल 2024 में चार नवंबर को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में भी बड़ा हादसा हो गया था. इस हादसे में 38 लोगों की मौत हुई थी. पौड़ी गढ़वाल जिले से रामनगर आ रही प्राइवेट बस अल्मोड़ा जिले से मार्चुला में खाई में गिर गई थी. इस हादसे में 36 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. वहीं दो लोगों की बाद में उपचार के दौरान मौत हुई थी. इस घटना के बाद सरकार ने पुलिस और परिवहन विभाग के कई अधिकारियों पर कार्रवाई की थी. अल्मोड़ा बस हादसे का कारण ओवरलोडिंग और ड्राइवर की लापरवाही बताया जा रहा है.
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