आंध्र प्रदेश:आंध्र प्रदेश के राजमहेंद्रवरम शहर ने एक सराहनीय कार्य कर दिखाया है. शहर में लगभग 90 साल पुराने एक विशाल पीपल के पेड़ का सफलतापूर्वक पुनर्जीवन किया गया है. यह विशाल पेड़ जिला न्यायालय परिसर में चल रहे निर्माण कार्य में बाधा बन रहा था, जिसे अब सावधानीपूर्वक एसपी कार्यालय परिसर में ट्रांसप्लांट किया गया है.
यह कोई साधारण ट्रांसप्लांट नहीं था, बल्कि एक जटिल प्रक्रिया थी जिसे धैर्य और विशेषज्ञता के साथ अंजाम दिया गया. पेड़ को उखाड़ने से पहले, उसकी जड़ों को मजबूत करने और उसे सदमे से बचाने के लिए विशेष रासायनिक उपचार किया गया. यह उपचार दो महीने तक चला, जिसके बाद पेड़ को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू हुई.
सोमवार को, धार्मिक अनुष्ठानों के साथ पेड़ को नए स्थान पर स्थापित किया गया. इस शुभ अवसर पर जिला कलेक्टर प्रशांति, जिला न्यायाधीश गंधम सुनीता और एसपी डी. नरसिंह किशोर भी उपस्थित थे. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति रोटरी क्लब के प्रयासों की सराहना की और इस पहल को प्रेरणादायक बताया.
पेड़ को पुनर्जीवित होने में 35 दिन लगें
पेड़ को स्थानांतरित करने की जटिल प्रक्रिया 6 जनवरी को शुरू हुई थी. उपचार के बाद, विशाल पीपल के पेड़ को 20 टायर वाले भारी वाहन और क्रेन की मदद से सावधानीपूर्वक उठाया गया और उसके नए घर तक पहुंचाया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस पेड़ को पूरी तरह से पुनर्जीवित होने में लगभग 35 दिन लगेंगे.
60 दिनों के लिए विशेष केयरटेकर नियुक्त
रोटरी क्लब ने पेड़ के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखने के लिए 60 दिनों के लिए एक विशेष केयरटेकर भी नियुक्त किया है. रोटरी क्लब के चार्टर अध्यक्ष टीगेला राजा ने क्लब के प्रयासों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनकी पहल के तहत सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया गया 21वां पेड़ है. यह उनके संगठन की प्रतिबद्धता और पर्यावरण के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है.
इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब आइकन के अध्यक्ष इम्मानी वेंकट, सचिव सुरेश उदयगिरी और रोटेरियन दुर्गा प्रसाद सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. सभी ने वर्षों से खड़े पेड़ों की सुरक्षा और क्षेत्र की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यह पहल दूसरों को भी इसी तरह के प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगी और क्षेत्र के हरियाली को बढ़ावा देगी.
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