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उत्तराखंड में बारिश का कहर! इस मॉनसून सीजन में अबतक जा चुकी 54 लोगों की जान, मौसम विभाग ने फिर किया अलर्ट - Uttarakhand rain alert

उत्तराखंड में एक बार फिर से बारिश का कहर देखने को मिला है. मंगलवार रात को टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है. वहीं इस मॉनसून सीजन की बात की जाए तो प्राकृतिक आपदा के कारण उत्तराखंड में अबतक 54 लोगों की मौत हो चुकी है.

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उत्तराखंड में आपदा जैसे हालात. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 21, 2024, 8:00 PM IST

देहरादून: हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड में मॉनसून का कहर देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड में आफत की बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है. प्रदेश के कई जिलों में सोमवार से ही मूसलाधार बारिश जारी है. मंगलवार रात को भी भारी बारिश के कारण कई जिलों में आपदा जैसे हालत बन गए थे. इस साल मॉनसून सीजन में 54 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगलवार रात और बुधवार सुबह बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में हुआ है.

मंगलवार रात को टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में हुई बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है. बारिश के बाद आए सैलाब में कई सड़कें बह गई. कई गांवों का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है. ऐसे हालत में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग राहत के कार्यों में लगा हुआ है.

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की तरफ से अगस्त महीने में दिए गए बारिश के आंकड़े. (ETV Bharat)

टिहरी जिले में देर रात फटा बादल:मंगलवार 20 अगस्त देर रात को बारिश टिहरी जिले के कई गांवों पर कहर बनकर बरसी. बताया जा रहा है कि टिहरी जिले के धुत्तू और देवलिंग से लगे कई गांव में बादल फट गया था. बादल फटने से गांवों में पानी का सैलाब आ गया था, जिसकी चपेट में कई घर आए. लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर भागकर अपनी जान बचाई.

बताया जा रहा है कि रात के अंधेरे में तो ज्यादा कुछ पता नहीं चल पाया, लेकिन लोगों ने जब सुबह देखा तो पूरा गांव पानी के साथ आए मलबे से पटा पड़ा था. बादल फटने की जानकारी मिलते ही प्रशासन की टीम भी गांवों में पहुंची और राहत व बचाव का कार्य शुरू किया.

रामनगर में बारिश के कारण गौशाल की छत गिरने से कई मवेशियों की मौत हो गई. (ETV Bharat)

बूढ़ा केदार में भी बारिश ने मचाई थी तबाही:इससे पहले हाल ही में टिहरी जिले के ही बूढ़ा केदार में बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी. देर रात आई इस आपदा में गांव को काफी नुकसान पहुंचा था. खेतों की जमीन भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी.

नैनीताल में गिर गया था पहाड़: मौसम की ऐसी ही कुछ मार नैनीताल जिले में भी देखने को मिली थी. यहां कालाढूंगी नैनीताल हाईवे पर पहाड़ी का एक हिस्सा भरभरा कर नीचे गिर गया था, जिससे मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया था. हाईवे बंद होने पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कते उठानी पड़ी थी. पुलिस-प्रशासन की तरह से अपील की जा रही है कि मौसम देखकर ही सफर कर रहे है. भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में कम से कम जाए.

मलबा आने से कालाढूंगी नैनीताल हाईवे बाधित (ETV Bharat)

नदी में बह गया था युवक:इसके अलावा नैनीताल जिले में एक और घटना घटी थी. कोटाबाग में 29 साल का युवक उफनती नदी में बह गया था. जिसका शव एसडीआरएफ को काफी दिनों बाद मिला.

बेरीनाग में भी भूस्खलन: पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में भी भूस्खलन और बारिश के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा था. यहां डर के मारे ग्रामीण खुले में रात बीताने के मजबूर हुए थे.

नैनीताल जिले में युवक उफनते नाले में बह गया था. (ETV Bharat)

उत्तरकाशी जिले में डूबते युवक का वीडियो आया सामने: उत्तरकाशी जिले से भी एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि पहले तो एक व्यक्ति खुद नदी में उतरता है और धीरे-धीरे तेज बहाव की तरफ बढ़ने लगता है. इसके बाद युवक नदी में डूबने लगता है और कुछ ही देर बाद वो आंखों से ओझल हो जाता है. ये घटना उत्तरकाशी के इंद्रावती गार्ड संगम के पास की बताई जा रही है.

देहरादून में भी एक व्यक्ति बह गया: वहीं देहरादून में दो लोग नदी में बह गए थे, जिन्हें मौके पर मौजूद लोगों ने बचाने का प्रयास किया. इस दौरान एक व्यक्ति को तो बचा लिया गया, लेकिन दूसरा पानी के तेज बहाव में बह गया. जिसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. ये घटना 20 अगस्त की है.

भारी बारिश के बाद उफान पर आया गदेरा. (ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग में डरा रहा मॉनसून: बारिश का सबसे भयावह रूप रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिल रहा है. यहां भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए है. भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में कुछ झरनों का तो रौंद रूप देखने को मिल रहा है. तुंगनाथ घाटी में भी ऐसा ही एक झरना पहाड़ों से फूट पड़ा था, जिसे देखकर लोग काफी डरे हुए है.

केदारनाथ धाम जाने में श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कते: बीते दिनों केदार घाटी में आई आपदा के बाद केदारनाथ पैदल मार्ग समेत कई मोटर मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गए थे. सरकार ने दावा किया था कि इन सभी मार्गों को हफ्ते के अंदर दुरुस्थ कर दिया जाएगा, लेकिन आपदा के 20 दिनों बाद भी रास्तों की स्थिति जस की तस है. लैंडस्लाइड की वजह से सड़क नीचे की ओर खिसक रही है. ऐसे में इन मार्गों पर यात्रा करना काफी खतरनाक साबित हो रहा है.

रुद्रप्रयाग जिले में 20 अगस्त को भारी बारिश के बाद बने हालत. (ETV Bharat)

अभीतक 54 लोगों की गई जान: सरकारी आंकड़ों को मुताबिक इस साल मॉनसून सीजन में अबतक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 6 लोगों की मौत बीते दिनों केदार घाटी में आई आपदा में हुई थी.

केदारनाथ हाईवे कई जगहों पर अवरुद्ध: भारी बारिश के कारण मोटर मार्गों पर लैंडस्लाइड हो रहा है, जिस कारण हाईवे जगह-जगह बाघित हो रहा है. केदारनाथ नेशनल हाईवे 107 भी रुद्रप्रयाग जिले में कई जगहों पर अवरुद्ध है. इसके अलावा नैनीताल जिले में एक राज्य मार्ग और 13 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है.

वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात: रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश से बने हालत को देखते हुए वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है. वहीं, कम विजिबिलिटी होने के कारण केदारनाथ हेली सेवा भी प्रभावित हो रही है.

23 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट:उत्तराखंड में आसमानी आफत से फिलहाल मुक्ति मिलती हुई नजर नहीं आ रही है. मौसम विभाग ने 23 अगस्त तक प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. उत्तराखंड में अगस्त महीने में 881.7 मिमी बारिश हुई है.

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