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फोनपे कंपनी के साथ 4 करोड़ रुपए का फ्रॉड, 2 गिरफ्तार - fraud with PhonePe company - FRAUD WITH PHONEPE COMPANY

जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने फोन पे कंपनी के साथ 4 करोड़ रुपए का फ्रॉड करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी मर्चेंट बनकर ग्राहकों को चार्जबैक के तहत पेमेंट में धोखाधड़ी करते थे. आरोपियों को न्यायालय में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया है. फोन-पे कंपनी का मर्चेंट यानी व्यापारी बनकर ठगी करने का यह विशेष अपराध और साइबर क्राइम थाने का पहला मामला है.

FRAUD WITH PHONEPE COMPANY
4 करोड़ रुपए का फ्रॉड (FILE PHOTO)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 21, 2024, 7:46 AM IST

जयपुर.राजधानी जयपुर की साइबर थाना पुलिस ने फोनपे (PHONEPE)कंपनी के साथ 4 करोड़ रुपए का फ्रॉड करने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. शनिवार को पुलिस ने जगतपुरा जयपुर निवासी आरोपी मनराज मीणा और मालवीय नगर निवासी लेखराज सेहरा को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी मूल रूप से दौसा हाल जयपुर निवासी हैं. आरोपी फोनपे कंपनी का मर्चेंट बनकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. आरोपियों से 4 लाख रुपये की नगदी, 6 मोबाइल फोन, 70 डेबिट कार्ड, दुकानों का किरायानामा, पैन कार्ड, आधार कार्ड और रबड़ स्टाम्प जब्त किए गए हैं.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद बिश्नोई के मुताबिक साइबर क्राइम थाने में फोनपे कंपनी के साथ करोड़ों रुपए के फ्रॉड का मामला दर्ज हुआ था. फोनपे कंपनी का मर्चेंट यानी व्यापारी बनकर कई लोगों ने फोनपे के जरिए मर्चेंट को दिए गए. पीओएस डिवाइस का इस्तेमाल करके डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मर्चेंट के साथ ट्रांजैक्शन किए हैं. अज्ञात ग्राहक और मर्चेंट ने पहले से बनाई गई साजिश के तहत अवैध रूप से पीओएस डिवाइस का इस्तेमाल करके करीब 4 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में स्पेशल टीम का गठन किया गया. पुलिस की स्पेशल टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने तकनीक की सहायता के आधार पर आरोपियों को चिन्हित करके गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपियों को न्यायालय में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. फोनपे कंपनी का मर्चेंट यानी व्यापारी बनकर ठगी करने का यह विशेष अपराध और साइबर क्राइम थाने का पहला मामला है.

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इस तरह करते थे धोखाधड़ी :पुलिस के मुताबिक आरोपी फोनपे कंपनी के साथ धोखाधड़ी करने के लिए गलत जानकारी देकर फोनपे के साथ ऑनबोर्ड हो जाता था. फिर आरोपी मर्चेंट किसी भी उत्पाद या सेवा को देने की मंशा के बिना पीओएस डिवाइस का इस्तेमाल करके क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से अपने ग्राहक से पेमेंट प्राप्त करता था. वह पेमेंट प्राप्त करने के बाद फोनपे उस पेमेंट को मर्चेंट के लिंक बैंक अकाउंट में जमा कर देता था. इसके बाद ग्राहक क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर के समक्ष इस झूठे आधार पर चार्जबैक दर्ज करता था कि उत्पाद या सेवा प्राप्त नहीं हुई है. चार्जबैक के इस अनुरोध को मर्चेंट इस झूठे आधार पर स्वीकृत कर लेता था.

क्या है चार्जबैक का नियम :कानून के तहत मर्चेंट के जरिए किए गए चार्जबैक की मंजूरी के बाद फोनपे को स्वंय के धन का उपयोग करते हुए सफल चार्जबैक के लिए ग्राहक को पैसा वापस करना होता है. बाद में फोनपे उस रकम को आरोपी व्यापारी को फोनपे के जरिए मिलने वाले अगले पेमेंट से वसूल कर लेता है, लेकिन चार्जबैक सफल हो जाने के बाद यह मर्चेंट फोनपे के साथ काम करना बंद कर देता है. इस तरह से मर्चेंट को पूरा पेमेंट मिल जाता था. वह भी ग्राहक को कोई भी सामान या सेवा प्रदान किए बगैर और सफल चार्जबैक के बाद ग्राहक को भी फोनपे से ट्रांजैक्शन का पूरा पैसा रिफंड मिल जाता था. इस तरीके से मर्चेंट धोखाधड़ी करते थे.

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