देहरादून:श्री दरबार साहिब में संगतों के पहुंचने से रौनक बढ़ने लगी है. उधर मीलों का पैदल सफर कर श्री दरबार साहिब में पहुंचने वाली संगतों को झंडे जी के आरोहण का इंतजार है. देहरादून में हर साल श्री गुरु राम राय जी के जन्मोत्सव पर परंपरागत रूप से मनाया जाने वाला ऐतिहासिक झंडा मेला इस बार 30 मार्च 2024 यानि आज से शुरू होगा. ऐसे में इस दिन के लिए जहां श्री दरबार साहिब को सजाया जा रहा है तो वहीं संगतों की सुविधाओं के लिए भी सभी तैयारियां की जा चुकी हैं. इसमें सबसे खास ध्वजदंड की मान्यता है, जिसपर चढ़ने वाले गिलाफ की अपनी विशेष परंपराएं हैं.
झंडे जी मेला का तैयारी:देहरादून में श्री दरबार साहिब इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है. देश-विदेश की संगतें यहां आकर आस्था की डुबकी लगा रही हैं. सैकड़ों साल पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए जहां संगतें सेवाभाव से यहां पहुंच रही हैं, तो श्री दरबार साहिब में मेला आयोजन समिति ने भी झंडा मेला की सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है. खास बात यह है कि बुधवार से गिलाफ सिलने का काम भी शुरू कर दिया गया. झंडे जी मेले में गिलाफ की भी अपनी खास परंपरा है.
श्री झंडे जी मेले का ये है पौराणिक इतिहास:सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े बेटे श्री गुरु राम राय जी का जन्म होली के पांचवें दिन 1646 में चैत्रवदी पंचमी को हुआ था. साल 1676 में श्री गुरु राम राय जी दून घाटी में आए थे. उस दौरान गढ़वाल नरेश फतेहशाह ने उन्हें तीन गांव खुदबुड़ा, राजपुर और चामासारी दान किए थे. इसके बाद फतेह शाह के पोते प्रदीप शाह ने भी धामावाला, मियां वाला, पंडितवाड़ी और छतरावाला उन्हें दान किए थे. कहा जाता है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज ने दून में डेरा डाला था, इसीलिए इस जगह का नाम देहरादून पड़ा. इसके साथ ही श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिन पर हर साल श्री झंडा जी मेले की शुरुआत हुई. कहा जाता है कि इसी दिन महाराज जी देहरादून भी पहुंचे थे, इसलिए उनकी याद में श्री झंडा जी को चढ़ाया जाता है.
ये है झंडे जी की खासियत:इस साल श्री झंडा जी के ध्वजदंड की लंबाई 86 फीट और मोटाई 30 इंच है. परंपरा के अनुसार झंडा जी में तीन तरह के गिलाफ चढ़ाए जाते हैं. इसमें सबसे नीचे सादा गिलाफ चढ़ता है. इसके ऊपर सनील गिलाफ होता है, जिनकी संख्या 20 से 50 होती हैं. इस गिलाफ को चढ़ाने के लिए श्री दरबार जी महाराज में बुकिंग करने पर करीब 25 साल के दौरान संगत का नंबर आता है. सबसे ऊपर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है, जिसके लिए श्री दरबार जी महाराज में दरख्वास्त करने पर करीब 100 साल बाद इसे चढ़ाने का मौका मिलता है. इस साल पंजाब के हरभजन सिंह द्वारा दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाएगा. करीब 104 साल पहले हरभजन के परिजनों ने इसके लिए बुकिंग करवाई थी. दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए साल 2132 तक के लिए बुकिंग हो चुकी है.
17 अप्रैल तक चलेगा झंडे जी मेला:वैसे तो श्री दरबार जी महाराज में लगने वाले झंडे मेले के लिए देश भर से संगतें आती हैं. लेकिन खासतौर पर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान की सबसे ज्यादा संगतें यहां पहुंचती हैं. झंडे जी का मेला करीब एक महीना चलता है. इस बार आज को श्री झंडे जी का भव्य आरोहण किया जाएगा. 17 अप्रैल को रामनवमी के साथ श्री झंडे जी का मेला संपन्न होगा.