नई दिल्ली/नोएडा:विदेश भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स सहित अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन ठगों को साइबर क्राइम थाने की टीम ने शनिवार को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया. कुछ दिन पहले तीनों ने नोएडा के रिटायर्ड मेजर जनरल को धन शोधन मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर दो करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए थे. ठगों ने पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बनकर रिटायर्ड अधिकारी को चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा था. गिरोह के सरगना को इसी महीने दो अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल के साथ आरोपियों ने की थी दो करोड़ की ठगी
एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि मेजर जनरल के साथ ठगी की जब शिकायत मिली तो उन खातों को फ्रीज कराया गया, जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर हुई थी. खातों की तहकीकात करने पर पता चला कि राजस्थान के जयपुर में एक गिरोह है, जो छात्रों और कर्मचारियों के खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करवाता है. इसके बदले में खाता धारकों को भी कमीशन मिलता है. इसके बाद साइबर क्राइम थाने के प्रभारी के नेतृत्व में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई.
टीम ने शनिवार को राजस्थान के जयपुर से कानाराम गुर्जर(30), ललित कुमार(22) और सचिन कुमार(30) को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि वे तीनों मिलकर वरिष्ठ नागरिकों और रिटायर्ड अधिकारियों को स्कॉइप कॉल करके डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं. धन शोधन मुक़दमे में फंसाने की धमकी देते हैं. अंत में समझौता कराने के नाम पर रकम ट्रांसफर कराई जाती है. आरोपियों ने 27 अगस्त को मेजर जनरल की एफडी भी ब्रेक करा दी थी. इसके पहले भी पुलिस ने राजस्थान के सीकर गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें सरगना सहित अन्य ठगों की गिरफ्तारी हुई थी. साइबर ठगी के मामलों में ठगी की रकम लगातार राजस्थान के खातों में जाने की जानकारी मिल रही थी.