नई दिल्ली:मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट से आरोपी समीर शरद कुलकर्णी को बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले के आरोपी समीर शरद कुलकर्णी के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आरोपपत्र दाखिल करने से पहले 2011 में तत्कालीन केंद्र सरकार से अपेक्षित मंजूरी नहीं ली थी.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कुलकर्णी का प्रतिनिधित्व वकील विष्णु शंकर जैन ने किया. बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा उन्हें राहत देने से इनकार करने के बाद उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई, 2024 को तय की है. 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले के आरोपियों में से एक समीर कुलकर्णी ने विशेष एनआईए अदालत, मुंबई में मुकदमे को चुनौती देते हुए कहा कि इसमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 45 के अनुसार सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गई वैध मंजूरी का अभाव है.
कुलकर्णी ने तर्क दिया कि उनका प्राथमिक मामला यह है कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई वैध पूर्व मंजूरी नहीं होने के कारण मुकदमा आगे नहीं बढ़ सकता है. उनकी याचिका में तर्क दिया गया कि कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व जो भारत सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं और अराजकता और उथल-पुथल का माहौल बनाना चाहते हैं. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के इशारे पर काम करते हुए, 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव शहर के आसपास बम विस्फोट किया गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए.