आगरा :भाजपा नेता से करीबी दो पुलिस कर्मियों को महंगी पड़ी. पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर भाजपा नेता का भौकाल टाइट करने उनकी जनसभा में पहुंचे थे. इतना ही नहीं, एक पुलिसकर्मी नेताजी के साथ सुरक्षाकर्मी बनकर चल रहा था. जनसभा के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो पुलिस महकमे में खलबली मच गई. पुलिसकर्मियों के ड्यूटी छोड़कर जनसभा में जाने की शिकायत की गई थी. इसके बाद डीसीपी पूर्वी रवि कुमार ने मनसुखपुरा थाने में तैनात एक दरोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया. दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर आगरा और फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है. आगरा देहात से जुड़े भाजपा नेता व पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुग्रीव चौहान का पिछले दिनों मनसुखपुरा के शाहपुर खालसा क्षेत्र में गुर्जर समाज ने सम्मान किया था. 200-250 ग्रामीणों ने भाजपा नेता को चांदी का मुकुट और माला पहनाकर उन्हें सम्मानित किया. इसमें मंसुखपुरा थाने में तैनात एक दारोगा और सिपाही मौजूद थे. जबकि, उनकी वहां ड्यूटी नहीं थी. फोटो में भाजपा नेता सुग्रीव चौहान के साथ एक सिपाही सुरक्षाकर्मी की तरह चलता हुआ दिख रहा था.
भाजपा से जुड़े नेताओं ने ही की शिकायत :कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर मामला पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा. इस कार्यक्रम की अधिकारियों को पहले से कोई जानकारी नहीं थी. वीडियो देखकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए. नेताजी को कोई सुरक्षा भी नहीं मिली हुई है. पूर्व में कई सुरक्षाकर्मी उनके साथ चला करते थे. नवागत पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड ने आते ही तीन सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया था. वीडियो और फोटो भेजकर भाजपा से जुड़े नेताओं ने ही इसकी शिकायत की. दरअसल पूर्व ब्लाक प्रमुख सुग्रीव चौहान ने कुछ दिनों से फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाई है. अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम और स्वागत समारोहों की भीड़ के फोटो इंटरनेट मीडिया पर सामने आ रहे हैं. इसी की वजह से दोनों सिपाहियों की मनमानी भी सामने आ सकी.
फोटो के आधार पर हुई पुलिस कर्मियों की पहचान :डीसीपी पूर्व रवि कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो और फोटो के आधार पर जांच में दरोगा की पहचान मनसुखपुरा थाने में तैनात एसआई रविंद्र कुमार और सिपाही जनमेश के रूप में हुई. दोनों से पूछा गया कि उनकी ड्यूटी कहां थी, इस आयोजन में वह किसकी अनुमति से गए थे, अधिकारियों को इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी. इस पर दोनों के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. अगर, दोनों कानून व्यवस्था की दृष्टि से वहां गए थे, तो उन्होंने थाने की जनरल डायरी में बीट सूचना क्यों नहीं लिखवाई? उन्होंने उच्च अधिकारियों को सभा के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी?. दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. दोनों की विभागीय जांच कराई जा रही है.
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